UP POLITICS: उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल के मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए कहा, “जो हमारा है, हमें मिल जाना चाहिए और हम उससे इतर कहीं नहीं जा रहे हैं।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रदेश सरकार अपनी धरोहरों को पुनः प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सरकार पर आरोप लगाया कि उसकी नीयत मस्जिद में मंदिर खोजने की है। उन्होंने कहा कि सरकार अंग्रेजी को बढ़ावा दे रही है, जबकि उर्दू और संस्कृत जैसी भाषाओं की अनदेखी कर रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि उनकी सरकार प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को पुनर्स्थापित करने के लिए प्रयासरत है और इस संदर्भ में कोई भी कार्रवाई कानून के दायरे में रहकर की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष को प्रदेश के विकास और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण में सहयोग करना चाहिए।

संभल शहर हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि कई पुराणों और अन्य ग्रंथों में इसे भगवान विष्णु के दसवें अवतार, कल्कि, का जन्मस्थान माना गया है। वर्तमान में, संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर विवाद चल रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि यह मस्जिद एक प्राचीन श्री हरि मंदिर के स्थान पर बनाई गई थी, जिसे 16वीं शताब्दी की शुरुआत में मुगल शासक बाबर ने ध्वस्त किया था। इस दावे की जांच के लिए अदालत के आदेश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण किया गया था।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने हाल ही में संभल में हुई हिंसा पर सख्त रुख अपनाते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अराजकता फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से ही उसकी भरपाई कराई जाए। उन्होंने कहा कि एक भी उपद्रवी बचना नहीं चाहिए।

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