लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर को लेकर लखनऊ की कोविड प्रभारी अधिकारी डॉ. रोशन जैकब व जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में बच्चों में संक्रमण फैलने की संभावना के दृष्टिगत प्रमुख निजी चिकित्सालयों, मेडिकल कॉलेज व शासकीय चिकित्सालयों के पदाधिकारियों के साथ आपात स्थिति से निपटने के लिए कार्ययोजना बनाई गई। कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों को इलाज के दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर कर दिया था। संक्रमण की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के साथ ही तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है, जो कि बच्चों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। इससे बचने के लिए लोकबन्धु में 100 बेड का पीडियाट्रिक व मेटरिटी वार्ड बनाया जा सकता है।

अधिकारियों को दिए गए निर्देश
बैठक में कोविड प्रभारी डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि बच्चों और महिलाओं के लिए यहां पीडियाट्रिक वार्ड अर्थात PICU/NICU वेंटिलेटर बेड की व्यवस्था करना सुनिश्चित कराएं। बैठक में आए सभी अस्पतालों के पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वह सभी अपने-अपने अस्पतालों में पीडियाट्रिक सीनियर/जूनियर रेसिडेंट, चिकित्सकीय उपकरण, लॉजिस्टिक आदि की व्यवस्था करना सुनिश्चित कराएं। ताकि किसी भी आपात स्थिति से आसानी से निपटा जा सके। साथ ही सभी अस्पताल अपने स्टाफ की ट्रेंनिग करना सुनिश्चित करें। एसजीपीजीआई द्वारा वर्चुअल और केजीएमयू द्वारा हैंड्स ऑन ट्रेंनिग उपलब्ध कराई जाएगी।

जिलाधिकारी ने कहा कि यदि कहीं पर सीनियर, जूनियर रेसिडेंट की कमी है तो अवगत कराया जाए। साथ ही मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि प्राइवेट और मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध पीडीएट्रिशियन को आवश्यकता अनुसार हॉस्पिटलों को उपलब्ध कराएं। सभी हास्पिटल अपने यहां उपलब्ध PICU/NICU, ऑक्सीजन की उपलब्धता और पीडीएट्रिशियन के आधार पर पीडियाट्रिक वार्ड की व्यवस्था करना सुनिश्चित करें।

यहां बन रहे तीसरी लहर के स्पेशल वार्ड
बैठक में केजीएमयू प्रशासन ने कहा कि उनके यहां 100 बेड के पीडियाट्रिक वार्ड की व्यवस्था की जा रही है। जिसमें 50 बेड PICU/NICU के होंगे और शेष ऑक्सीजनयुक्त बेड होंगे। मैन पावर और लॉजिस्टिक की उपलब्धता है। एसजीपीजीआई ने कहा कि उनके यहां 50 PICU/NICU बेड का पीडियाट्रिक वार्ड बनाने की व्यवस्था की जा रही है। स्टाफ और लॉजिस्टिक से सम्बंधित कोई समस्या नहीं है।

राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने कहा कि उनके यहां 50 बेड के पीडियाट्रिक वार्ड की व्यवस्था की जा रही है। जिसमें 30 बेड PICU/NICU और 20 ऑक्सीजनयुक्त बेड होंगे। उपकरण और लॉजिस्टिक उपलब्ध है, लेकिन सीनियर रेसिडेंट की कमी है। जिसके लिए मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया गया कि सीनियर रेजिडेंट की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। एरा मेडिकल कॉलेज ने बताया कि उनके यहां 30 बेड के PICU/NICU बेड की व्यवस्था की जा रही है। बाद में निर्देशित किया गया कि हॉस्पिटल द्वारा 100 बेड के पीडियाट्रिक वार्ड की व्यवस्था की जाए। जिसमें 50 बेड PICU/NICU और 50 ऑक्सीजनयुक्त बेड हों।

इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में 50 बेड के पीडियाट्रिक वार्ड की व्यवस्था की जा रही है। जिसमें 25 बेड PICU/NICU और 25 ऑक्सीजनयुक्त बेड होंगे। टीएसएम अस्पताल में 8 PICU/NICU बेड की व्यवस्था है। जिसके लिए निर्देश दिया गया कि PICU/NICU बेड की संख्या को बढ़ाकर 20 किया जाए। साथ ही 30 ऑक्सीजनयुक्त बेड की व्यवस्था करते हुए कुल 50 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड बनाया जाए।

बलरामपुर अस्पताल में 50 बेड के पीडियाट्रिक वार्ड की व्यवस्था की जा रही है। जिसमें 20 PICU/NICU और 30 ऑक्सीजनयुक्त बेड होंगे। हॉस्पिटल में एलएमओ प्लांट की व्यवस्था हो रही है। लोकबन्धु हॉस्पिटल में 100 बेड के पीडियाट्रिक एवं मेटरनिटी वार्ड की व्यवस्था हो गई है। जिसमें 30 PICU/NICU बेड और 70 ऑक्सीजनयुक्त बेड हैं। सभी कार्य अंतिम चरण में हैं। मेडकिल स्टाफ, लॉजिस्टिक, उपकरण आदि सभी की व्यवस्था हो गई है। जल्द ही वार्ड को शुरू करा दिया जाएगा।https://gknewslive.com

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