Savarkar: असदुद्दीन ओवैसी के वीर सावरकर पर दिए गए बयान ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। उनके बयान ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सहित कई संगठनों और नेताओं को नाराज कर दिया। ओवैसी ने साफ कहा कि, वे सावरकर पर अपनी राय खुलकर रखेंगे और किसी भी सियासी दबाव में नहीं आएंगे। उन्होंने जम्हूरी तरीके से मुकाबला करने और जीत हासिल करने का विश्वास भी जताया।

रणजीत सावरकर का पलटवार

वीर सावरकर के पोते रणजीत सावरकर ने ओवैसी के बयान को राष्ट्र विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि ओवैसी लगातार देश की विचारधारा के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। रणजीत ने इसे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान बताया और ऐसे बयान देने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।

पंडित प्रदीप मिश्रा की कड़ी प्रतिक्रिया

कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने भी ओवैसी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे भारत में हैं, न कि पाकिस्तान में, जहां इस तरह की बयानबाजी सहन की जाएगी। उन्होंने ओवैसी को संघर्ष के लिए चुनौती दी, जिससे समाज के कई वर्गों में नाराजगी बढ़ गई।

किरेन रिजिजू ने दी नसीहत

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने रमजान के महीने में इस तरह की बयानबाजी को अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि रमजान शांति, संयम और इबादत का महीना है, और इस दौरान भड़काऊ बयान देने से बचना चाहिए। रिजिजू ने सार्वजनिक जीवन में जिम्मेदारी के साथ शब्दों का चयन करने की अपील की ताकि देश में शांति बनी रहे।

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