UP NEWS: उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक हलचल उस समय तेज हो गई जब आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को भ्रष्टाचार के आरोपों में सस्पेंड कर दिया गया। इस मामले ने न केवल प्रशासनिक तंत्र की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। इस निलंबन के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए एक तंज कसा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार का अंतिम पड़ाव सिर्फ अधिकारी नहीं होते, बल्कि इसके पीछे कोई और शक्तिशाली चेहरा होता है। अखिलेश का इशारा सत्ता के ऊपरी स्तर पर मौजूद उन लोगों की ओर था, जिनकी भूमिका अक्सर ऐसे मामलों में छिपी रह जाती है।
ये है उप्र में इज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस का सच, जहाँ औद्योगिक विकास के नाम पर खुलेआम कमीशन माँगा जा रहा है और बात खुल जाने पर निलंबन का नाटक रचा जा रहा है। इस भ्रष्टाचार का अंतिम पड़ाव अधिकारी नहीं कोई और है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 21, 2025
अभिषेक प्रकाश का मामला
अभिषेक प्रकाश एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। उन्हें निलंबित करने के बाद सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश भी दिए हैं। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब किसी अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हों।
अखिलेश यादव का तंज
अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “भ्रष्टाचार का अंतिम पड़ाव अधिकारी नहीं, कोई और है। अधिकारी केवल एक मोहरा हैं। असली जिम्मेदार वे लोग हैं, जो पर्दे के पीछे सत्ता का खेल खेलते हैं।”
भ्रष्टाचार पर सियासत गरमाई
यह मामला अब राजनीतिक मुद्दा बन चुका है। विपक्ष लगातार सरकार पर भ्रष्टाचार के मामलों को दबाने और प्रशासनिक तंत्र का दुरुपयोग करने का आरोप लगा रहा है। अखिलेश यादव के इस बयान के बाद यह सवाल उठता है कि क्या यह निलंबन भ्रष्टाचार मिटाने की दिशा में एक ठोस कदम है या फिर महज राजनीतिक दिखावा?