UP POLITICS: UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री राम मंदिर के प्रति अपनी गहरी आस्था और प्रतिबद्धता को एक बार फिर से स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के लिए अगर सत्ता भी त्यागनी पड़े, तो यह उनके लिए कोई समस्या नहीं होगी। उनका यह बयान धार्मिक आस्था और राजनीति के बीच संतुलन का प्रतीक है, जिसमें उन्होंने यह संदेश दिया है कि राम मंदिर का निर्माण उनके लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर आंदोलन को एक ऐतिहासिक संकल्प बताया और कहा कि करोड़ों भारतीयों की आस्था का केंद्र अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण देश की सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने जैसा है।

राम मंदिर: एक ऐतिहासिक यात्रा

राम मंदिर का निर्माण लंबे समय तक भारतीय राजनीति और सामाजिक विमर्श का केंद्र रहा है। 500 साल से अधिक समय से चल रहे इस संघर्ष का समाधान 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद निकला, जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूमि पूजन कार्यक्रम में भी हिस्सा लेकर इस ऐतिहासिक क्षण को नई दिशा दी।

राम मंदिर निर्माण में सरकार की भूमिका

उत्तर प्रदेश सरकार ने मंदिर निर्माण के दौरान आधारभूत ढांचे और विकास कार्यों को प्राथमिकता दी है। अयोध्या को आधुनिक सुविधाओं से युक्त धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। योगी सरकार ने सड़कों, पर्यटन, सुरक्षा और आवासीय परियोजनाओं को बढ़ावा देकर अयोध्या को नई पहचान दी है।

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