UP: पूर्वांचल और दक्षिणांचल निगमों के निजीकरण के खिलाफ संयुक्त संघर्ष समिति का प्रदर्शन लगातार जारी है। रविवार को कई जिलों में बैठकें हुईं, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की गई। तय किया गया कि 24 अप्रैल को मेरठ में होने वाली बिजली महापंचायत में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

बैठकों में ट्रांजेक्शन एडवाइजर (टीए) की नियुक्ति का मुद्दा भी उठा। समिति के पदाधिकारियों ने इसे गलत बताते हुए नियुक्ति रद्द करने की मांग की। संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि महापंचायत में बिजली कर्मियों के साथ किसान नेता भी हिस्सा लेंगे।

उपभोक्ता परिषद ने निजीकरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग की है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि टेंडर से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए, क्योंकि उनमें गड़बड़ियां हो सकती हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से मामले की जांच कराने की अपील भी की।

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