Politics: राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा राणा सांगा पर दिए गए बयान को लेकर राजनीतिक विवाद गहरा गया है। उनके इस बयान के बाद आगरा स्थित उनके आवास पर हमला हुआ, जिस पर नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ऐसा आचरण संविधान के खिलाफ है। खरगे ने कहा, “हम देश के उन सभी वीरों का सम्मान करते हैं, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी, लेकिन कानून को हाथ में लेना किसी को भी अधिकार नहीं है।”

सभापति की कड़ी प्रतिक्रिया:-
सभापति जगदीप धनखड़ ने राणा सांगा को राष्ट्रभक्ति का प्रतीक बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। रामजी लाल सुमन की टिप्पणी को राज्यसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया है।

पीयूष गोयल और रिजिजू का कड़ा रुख:-
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि देश के नायकों का अपमान किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने विपक्षी दलों से इस बयान की निंदा करने की मांग की। वहीं, पीयूष गोयल ने कहा कि सुमन की टिप्पणी निंदनीय है और इस पर सदन को एक कड़ा संदेश देना चाहिए। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि राणा सांगा देश के वीर सपूत थे और वे किसी जाति या धर्म के नहीं, बल्कि पूरे देश के हीरो हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जो बातें कार्यवाही से हटाई जा चुकी हैं, उन्हें दोहराया नहीं जाना चाहिए।

सुमन और कांग्रेस पर भाजपा सांसद का हमला:-
बीजेपी सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल ने रामजी लाल सुमन के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर सुमन को अपने बयान पर खेद होता तो वे तुरंत सदन में माफी मांग लेते, लेकिन उन्होंने जानबूझकर यह बयान दिया। अग्रवाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेता राणा सांगा का अपमान करने की सोची-समझी मानसिकता रखते हैं। मल्लिकार्जुन खरगे ने सुमन के घर पर हुए हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि किसी भी सूरत में हिंसा और तोड़फोड़ स्वीकार नहीं की जा सकती। उन्होंने सुमन की सुरक्षा बढ़ाने की मांग भी की।

सुमन का विवादित बयान:-
सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने 21 मार्च को राज्यसभा में कहा था कि राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को भारत बुलाया था। उन्होंने आगे कहा, “अगर मुसलमानों में बाबर का डीएनए है, तो हिंदुओं में भी राणा सांगा का है, जिन्होंने बाबर को बुलाया था।” उनके इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया हुई और करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने उनके आगरा स्थित घर पर हमला कर दिया। सदन में भाजपा और अन्य दलों ने सुमन और कांग्रेस से माफी की मांग की है। वहीं, विपक्ष ने बयान को मुद्दा बनाकर हिंसा की निंदा की है। मामले पर अभी भी राजनीतिक बयानबाजी और हंगामा जारी है।

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