UP: श्रावस्ती जिले में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। शुक्रवार सुबह एक 18 वर्षीय युवती ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। युवती का नाम लक्ष्मी वर्मा बताया जा रहा है, जो मल्हीपुर थाना क्षेत्र के ग्राम खांवा खुर्द की रहने वाली थी। लक्ष्मी का विवाह 29 अप्रैल 2025 को नेपाल के हुलासपुरवा ककरदरी निवासी रोहित वर्मा से तय हुआ था। घर में शादी की तैयारियाँ चल रही थीं, लेकिन दहेज की भारी मांग ने इस खुशी को मातम में बदल दिया।

सुसाइड नोट में लिखी अपनी पीड़ा:-
लक्ष्मी ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उसने अपनी तकलीफों और दहेज के कारण उठाए गए इस कदम का जिक्र किया। उसने लिखा, “मेरी शादी 29 अप्रैल को होनी थी, लेकिन दहेज की वजह से मुझे यह कदम उठाना पड़ रहा है। लड़के वाले पाँच लाख रुपये नकद मांग रहे हैं। मेरे माता-पिता गरीब हैं और उनके पास इतना पैसा नहीं है।” लक्ष्मी ने यह भी लिखा कि, उसके माता-पिता ने किसी तरह उसे बीए तक पढ़ाया है और शादी के लिए एक ऐसा लड़का चुना, जिसने केवल आठवीं तक पढ़ाई की है। बावजूद इसके, दहेज की मांग ने उनके सपनों को तोड़ दिया। उसने अपनी बेबसी जताते हुए कहा कि “दहेज की वजह से लड़कियों की जिंदगी बर्बाद हो रही है।”

परिवार में मचा कोहराम:- 
मिली जानकारी के मुताबिक, सुबह करीब 7:30 बजे लक्ष्मी के परिवारवालों ने जब उसे कमरे में फांसी के फंदे पर लटकता देखा, तो घर में चीख-पुकार मच गई। शादी की तैयारियों में जुटे परिवार पर मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। लक्ष्मी ने सुसाइड नोट में लड़के का नाम रोहित वर्मा और उसके पिता अवधेश वर्मा का जिक्र किया है। साथ ही अपने माता-पिता और दादा जी से माफी मांगते हुए लिखा, “मुझे माफ कर देना, लेकिन मैं यह कदम उठाने को मजबूर थी।”

दहेज प्रथा का कहर जारी:- 
यह घटना दहेज प्रथा की उस कड़वी सच्चाई को फिर उजागर करती है, जिसमें आए दिन बेटियों की जिंदगी दहेज की बलि चढ़ जाती है। दहेज जैसी कुप्रथा ने आज भी समाज में कई लड़कियों के सपनों और जिंदगी को निगलना जारी रखा है। सरकार और समाज के प्रयासों के बावजूद ऐसी घटनाएं यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि आखिर कब दहेज प्रथा का यह अंधकार खत्म होगा और बेटियों को जीने का हक मिलेगा।

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