UP: उत्तर प्रदेश के अमेठी में बुधवार को भ्रष्टाचार के आरोप में जिला समाज कल्याण अधिकारी मनोज शुक्ल और बाबू गोकुल प्रसाद जायसवाल को निलंबित कर दिया गया। उपनिदेशक की शिकायत पर गौरीगंज थाने में समाज कल्याण अधिकारी के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है।

कैसे सामने आया मामला?
यह मामला 10 मार्च को प्रकाश में आया, जब बाबू गोकुल प्रसाद ने समाज कल्याण अधिकारी मनोज शुक्ल पर रिश्वतखोरी और प्रताड़ना का आरोप लगाया। विवाद बढ़ने पर मनोज शुक्ल ने भी गोकुल प्रसाद पर भ्रष्टाचार और अवैध रूप से रिश्वत लेने के आरोप लगाए। इस पूरे प्रकरण का एक वीडियो भी सामने आया, जिससे मामला शासन तक पहुंच गया।

जांच रिपोर्ट में क्या निकला?
समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरुण ने अयोध्या मंडल के उपनिदेशक राकेश रमन को जांच सौंपी। विस्तृत जांच में कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए और आरोप पत्र जारी कर जिला समाज कल्याण अधिकारी से लिखित जवाब मांगा गया। जांच रिपोर्ट में गड़बड़ियां पाई गईं, जिसके आधार पर शासन ने सख्त कार्रवाई की।

सरकार का सख्त रुख:-
जांच में आरोप सही पाए जाने पर जिला समाज कल्याण अधिकारी और बाबू को निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा, समाज कल्याण अधिकारी के बयान गलत पाए जाने पर गौरीगंज थाने में उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ। इंस्पेक्टर श्याम नारायण पांडेय ने बताया कि उपनिदेशक की तहरीर पर मामला दर्ज कर जांच जारी है। समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरुण ने पत्र जारी कर बताया कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में कठोर नीति अपना रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

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