Shahi Masjid: उत्तर प्रदेश के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद एक बार फिर चर्चा में है। हाल ही में यहां एक बड़ी घटना तब हुई जब दिल्ली से आए छह लोगों ने मस्जिद परिसर में हवन करने की कोशिश की। इन लोगों में कुछ का संबंध अखिल भारतीय हिंदू महासभा से बताया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली से आए इन लोगों का दावा था कि यह स्थल पहले विष्णु हरिहर मंदिर था और वे वहां धार्मिक अनुष्ठान – यज्ञ और हवन – करने आए थे। उनका कहना था कि यदि उस स्थान पर नमाज अदा की जा सकती है, तो उन्हें पूजा करने से क्यों रोका जा रहा है। हालांकि, पुलिस ने समय रहते कार्रवाई करते हुए सभी छह लोगों को मस्जिद परिसर के पास बैरिकेडिंग पर ही रोक लिया और हिरासत में ले लिया। पुलिस ने स्पष्ट किया कि वे किसी भी व्यक्ति को कानून व्यवस्था बिगाड़ने नहीं देंगे।
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ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और संवेदनशीलता
शाही जामा मस्जिद पहले भी विवादों में रही है। पिछले वर्ष नवंबर में जब वहां सर्वेक्षण हुआ था, तो सांप्रदायिक तनाव इतना बढ़ गया कि चार लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद से प्रशासन इस स्थल को लेकर और भी सतर्क हो गया है।
क्या कहती है पुलिस?
संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार ने बताया कि इलाके में शांति बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी धार्मिक स्थल पर इस तरह की जबरदस्ती स्वीकार नहीं की जाएगी। कानून सबके लिए एक समान है, और जो भी माहौल बिगाड़ने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सामाजिक सौहार्द की जरूरत
यह घटना हमें फिर से यह सोचने पर मजबूर करती है कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए कैसे हम सामाजिक सौहार्द बनाए रख सकते हैं। कानून और संविधान हमें अपने धर्म को मानने की स्वतंत्रता तो देता है, लेकिन किसी दूसरे समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करना उसका हिस्सा नहीं है।