Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर पोस्टर पॉलिटिक्स चर्चा में आ गई है। लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय के सामने एक नया पोस्टर लगाया गया है, इस पोस्टर में दो तस्वीरें हैं, एक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार को ‘भक्षक’ बताया गया है, जबकि दूसरी में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को ‘रक्षक’ के रूप में दिखाया गया है।

पहली तस्वीर में अंबेडकरनगर में हुई बुलडोजर कार्रवाई के दौरान की एक बच्ची की झकझोर देने वाली तस्वीर है, जिसमें वह जलते घर के बीच से अपने स्कूल बैग को सीने से लगाए भागती दिखाई देती है। इस बच्ची का नाम अनन्या बताया गया है और उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो चुकी है। दूसरी तस्वीर में अखिलेश यादव उसी बच्ची को स्कूल बैग सौंपते नजर आ रहे हैं। साथ ही पोस्टर में बताया गया है कि उन्होंने अनन्या को लखनऊ बुलाकर न केवल एक लाख रुपये की आर्थिक मदद दी, बल्कि उसकी पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई का खर्च उठाने का वादा भी किया। यह पोस्टर सपा कार्यकर्ता जयसिंह प्रताप यादव द्वारा अमेठी से लगवाया गया है। इसका उद्देश्य योगी सरकार की नीतियों की आलोचना करना और समाजवादी पार्टी की ‘जनहितैषी’ छवि को उजागर करना बताया जा रहा है।

क्या है पूरी घटना?

दरअसल, अंबेडकरनगर में हाल ही में अवैध निर्माण पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने कई घरों पर बुलडोजर चलाया था। उसी दौरान यह दृश्य सामने आया जब अनन्या नाम की बच्ची अपने जलते घर से स्कूल बैग लेकर भागती दिखी। इस दृश्य ने लोगों को भावुक कर दिया और सोशल मीडिया पर यह मामला जोर पकड़ गया। अब सपा इस घटना को राजनीतिक रूप से भुनाने की कोशिश में लग गई है। हालांकि प्रशासन की ओर से इस पोस्टर पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह साफ है कि चुनावी साल में ऐसे प्रतीकात्मक पोस्टर राजनीति में गर्मी जरूर बढ़ा सकते हैं। सपा का कहना है कि उनकी पार्टी हमेशा किसानों, गरीबों और बच्चों की शिक्षा के पक्ष में खड़ी रही है। अखिलेश यादव द्वारा अनन्या की मदद को वे एक ‘संवेदनशील नेतृत्व’ का प्रतीक बता रहे हैं।

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