लखनऊ। राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के सभी जिलों में आंशिक कोरोना कर्फ्यू लगा हुआ है। इसके चलते आवश्यक सेवाओं के अलावा बाकी दुकानों को खोलने की इजाजत नहीं है। लेकिन शोरूम बंद होने के बावजूद गाड़ियों की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। मई महीने में अबतक 8 हजार से ज्यादा गाड़ियों की बिक्री हो चुकी है। इनका आरटीओ कार्यालय में रजिस्ट्रेशन भी हो गया है। सवाल ये उठता है कि जब शोरूम बंद करने के निर्देश थे, तो इन गाड़ियों की बिक्री कैसे हो गई। आरटीओ कार्यालय में कैसे रजिस्टर्ड हो गए। इस पर परिवहन विभाग के अफसरों के अपने तर्क हैं।

शोरूम के गोदाम से हो रही सप्लाई
चारबाग स्थित ये दोनों शोरूम दो पहिया और चार पहिया वाहनों के हैं। दोपहिया वाहनों के इस गोदाम से बकायदा नई बाइक निकाली जा रही है। जिन्हें शोरूम तक पहुंचाया जा रहा है, जबकि आंशिक लॉकडाउन लगा है और नई गाड़ियों की बिक्री की इजाजत सरकार की तरफ से नहीं दी गई है। गुपचुप तरीके से शोरूम मालिक नए वाहनों की सप्लाई कर रहे हैं। 3 मई से उत्तर प्रदेश में आंशिक लॉकडाउन लगा है, बावजूद इसके आलम ये है कि एक मई से 28 मई के बीच 8 हजार से ज्यादा नई गाड़ियों की बिक्री हो चुकी है। जबकि कहने के लिए शोरूम के शटर खुले भी नहीं। जिससे कहा जा सकता है कि गुपचुप तरीके से वाहनों की धड़ल्ले से डिलीवरी की जा रही है।

8,235 दोपहिया और 4 पहिया गाड़ियों की हुई बिक्री
1 मई से 28 मई के बीच दोपहिया और 4 पहिया गाड़ियों को मिलाकर कुल 8,235 की बिक्री हो चुकी है। इनमें आरटीओ कार्यालय में 6,266 मोटरसाइकिल के रजिस्ट्रेशन हुए हैं। वहीं 1,969 मोटर कार रजिस्टर्ड की गई है। एमए और एमसी सीरीज की ये गाड़ियां आरटीओ कार्यालय में रजिस्टर्ड हुई हैं।

लॉकडाउन के बाद भी बिके वाहन
इन महंगी कारों की हुई बिक्री 
यूपी 32 एमसी 0234 कार की कीमत 94,3 6,284 रुपये है। यूपी 32 एमसी 1802 की कीमत 51,14,911 रुपये है। यूपी 32 एमसी 5040 की कीमत 49,94,1217 रुपये है। यूपी 32 एमसी 6999 की 38,30,000 रुपये है। यूपी 32 एमसी 2,333 की कीमत 38,30,000 रुपये, यूपी 32 एमसी 0693 की कीमत 38,30,000 रुपये और यूपी 32 एमए 7575 की कीमत 37,79,000 रुपये की कीमत वाली कारों की बिक्री हुई। ये सभी आरटीओ कार्यालय में रजिस्टर्ड की गई हैं।

परिवहन विभाग के अधिकारियों के तर्क
जब शोरूम खोलने की इजाजत नहीं है तो आखिर वाहनों की बिक्री कैसे हो गई? इस पर जब आरटीओ कार्यालय में तैनात एआरटीओ प्रशासन अखिलेश द्विवेदी से पूछा गया तो उनके अपने तर्क हैं। उनका कहना है कि मार्च में जो वाहन बिक गए थे, अप्रैल में पंचायत चुनाव के चलते अधिकारी और कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में व्यस्त हो गए थे। लिहाजा, इनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया था। उन वाहनों का रजिस्ट्रेशन अब किया गया है। इसके अलावा जो नई एमसी सीरीज आई उसमें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हुए। ऐसे वाहनों की डिलीवरी हुई होगी, जिन्हें लोगों को शादी-विवाह में देना होगा।https://gknewslive.com

admin

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *