UP: समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजीलाल सुमन के बाद अब पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज ने हिन्दू देवी-देवताओं और मंदिरों को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी है, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
इंद्रजीत सरोज ने कहा कि जब मुस्लिम हमलावर भारत पर हमला कर लूटपाट कर रहे थे, तब हमारे देवी-देवता क्या कर रहे थे? क्या वे उन्हें श्राप नहीं दे सकते थे? अगर नहीं दे सके, तो इसका मतलब है कि उनमें कोई कमजोरी थी और वे उतने शक्तिशाली नहीं थे। उन्होंने आगे कहा कि जब मोहम्मद बिन तुगलक और महमूद गजनवी जैसे आक्रांता भारत आए और लूटपाट की, तब देवी-देवताओं को कुछ करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अगर वे सच में शक्तिशाली होते तो हमलावर अंधे, अपंग या भस्म हो जाते।
‘हमारे देवी-देवताओं में कुछ तो कमी है’:-
सरोज ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो स्पष्ट है कि हमारे देवी-देवताओं में कुछ कमी है। उन्होंने यह भी कहा कि दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए असली भगवान डॉ. भीमराव अंबेडकर हैं और उन्हें ही पूजना चाहिए। उन्होंने अंबेडकर जयंती के कार्यक्रम में कहा कि केवल “राम” का नाम लेने से कुछ नहीं होगा, असली ताकत सत्ता में होती है।
भाजपा का तीखा हमला:-
इंद्रजीत सरोज के बयान पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि यह बयान हिन्दू आस्था और संस्कृति का अपमान है और यह सब अखिलेश यादव के इशारे पर हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह के बयान समाज में नफरत फैलाने के लिए दिए जा रहे हैं और यह सिर्फ पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की गलती नहीं, बल्कि ओवैसी और अखिलेश जैसे नेता भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। शुक्ला ने यह भी पूछा कि अखिलेश यादव के परिवार में पांच सांसद हैं, लेकिन इस तरह की भाषा वही क्यों नहीं बोलते? यह सब एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है, जिससे हिन्दुओं को जाति के आधार पर बांटा जा सके।