Waqf Act 2025: आज सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फिर एक बार सुनवाई की। जिसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया और इस दौरान वक्फ बोर्ड या काउंसिल में किसी भी नई नियुक्ति पर रोक लगा दी। हालांकि, कानून पर कोई रोक का आदेश नहीं दिया गया है। बतादें यह सुनवाई मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने क, जिसमें जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस संजय कुमार शामिल थे। बतादें वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और राजीव धवन ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पक्ष रखा, जबकि केंद्र का प्रतिनिधित्व सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने किया।
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— GK News Live युवा जोश, नई सोंच शहर से गांव तक (@GkNewsLive1) April 17, 2025
‘कानून पर रोक लगाना कठोर कदम’: केंद्र सरकार
एसजी तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि, संसद द्वारा पारित कानून पर रोक लगाना एक असाधारण कदम होगा। उन्होंने कहा कि, कानून को सभी के परामर्श और लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसलिये इसके एक पहलू को देखकर उस पर रोक लगाना उचित नहीं होगा। उन्होंने दावा किया कि कई गांवों पर वक्फ का दावा है और यह कानून आम नागरिकों के हित में भी जरूरी है।
कोर्ट का निर्देश: नई नियुक्ति नहीं, संपत्तियों की स्थिति बनी रहे
कोर्ट ने साफ किया कि एक सप्ताह तक वक्फ बोर्ड या वक्फ काउंसिल में कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी और वक्फ घोषित संपत्तियों को यथास्थिति में ही रखा जाएगा। अदालत ने यह भी कहा कि, राज्य सरकारों को भी इस आदेश का पालन करना होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से भी कहा कि वे पांच दिनों के भीतर अपने जवाब दाखिल करें और याचिकाओं की संख्या सीमित रखें। सीजेआई ने कहा कि, सिर्फ पांच याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी, शेष को निस्तारित या आवेदन के रूप में मान लिया जाएगा। वहीँ सभी पक्षों को नोडल वकील तय करने और बहस करने वाले अधिवक्ताओं की सूची सौंपने को कहा गया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 5 मई को होगी।