UP Politics: प्रदेश में एक बार फिर सियासी माहौल गरमा गया है। भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच पोस्टर युद्ध छिड़ गया है। शनिवार को भाजपा युवा मोर्चा के नेता अमित त्रिपाठी ने भाजपा के प्रदेश मुख्यालय के बाहर एक पोस्टर लगाया, जिसमें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर सीधा निशाना साधा गया है।
पोस्टर में आरोप लगाया गया कि अखिलेश यादव ने माफिया मुख्तार अंसारी की मृत्यु पर तो संवेदना व्यक्त की, लेकिन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में मारे गए उत्तर प्रदेश के युवक शुभम द्विवेदी के परिवार से मिलने नहीं गए। इसमें सवाल उठाया गया कि, क्या अखिलेश यादव की संवेदनाएं केवल अपराधियों के लिए हैं? क्या उन्हें आम हिंदू नागरिकों के दर्द से कोई सरोकार नहीं है?
पोस्टर पर लिखा- ‘शर्म करो अखिलेश यादव जी’
भाजपा द्वारा लगाए गए इस पोस्टर में लिखा गया, “शर्म करो अखिलेश यादव जी! खूंखार अपराधी मुख्तार अंसारी के लिए संवेदनाएं, लेकिन आतंकी हमले में मारे गए हिंदू युवक शुभम द्विवेदी के घर जाने में भावनाएं कहां खो गईं? फर्क साफ है, शायद आतंकियों से रिश्ता खास है! हिंदुओं से इतनी नफरत क्यों? पूछता है हिंदू समाज।”
पोस्टर सामने आने के बाद लखनऊ की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी ने इसे भाजपा की एक सोची-समझी साजिश करार दिया और आरोप लगाया कि, भाजपा असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है। वहीं भाजपा का कहना है कि विपक्ष अब चुनिंदा मामलों में ही संवेदनाएं प्रकट करता है, जिसे जनता भली-भांति देख रही है।
भाजपा का आरोप: अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार से नहीं की मुलाकात
गौरतलब है कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कानपुर के शुभम द्विवेदी की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद प्रदेश में रोष का माहौल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई भाजपा नेता पीड़ित परिवार से मिले, लेकिन सपा की ओर से कोई नेता नहीं पहुंचा, जिसको लेकर भाजपा ने सवाल उठाए हैं।
वहीं दूसरी ओर, मुख्तार अंसारी की मृत्यु पर अखिलेश यादव ने ट्वीट कर संवेदना व्यक्त की थी और सरकार पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया था। अब भाजपा इस मुद्दे को लेकर सपा पर हमलावर हो गई है। देखना दिलचस्प होगा कि पोस्टर वॉर के जवाब में सपा क्या रणनीति अपनाती है और यह राजनीतिक टकराव आगे किस दिशा में बढ़ता है। फिलहाल लखनऊ की सियासत में बयानबाजी तेज हो गई है।