लखनऊ: मायावती की बहुजन समाज पार्टी बहुत जल्द एक बार फिर टूटने वाली है, क्योंकि मंगलवार को लखनऊ में बीएसपी के कुछ बागी विधायकों के समूह ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की और दावा किया कि वह जल्द ही अपनी नई पार्टी की घोषणा करेंगे और प्रदेश में एक और नेता तैयार हो जाएगा. उत्तर प्रदेश की राजनीति में मायावती काफी समय से सक्रिय नहीं है, यही वजह है कि उनके विधायकों को अब बीएसपी में अपना भविष्य सुरक्षित नजर नहीं आ रहा है. हालांकि ये कहना भी सही नहीं है. क्योंकि जब मायावती एक्टिव थीं तो भी उनकी पार्टी टूटती रही है. बहुजन समाज पार्टी पहली बार विभाजन का दर्द नहीं झेलने वाली है. कई बार उसकी पार्टी से बागी विधायकों ने निकल कर या तो अन्य किसी पार्टी में शामिल हो गए हैं या उन्होंने अपना एक नया दल बना लिया है.
इस मामले में देखा जाए तो बहुजन समाज पार्टी नेताओं के लांचिंग पैड के समान हैं. ऐसे कई नेता हैं जिन्हें कोई नहीं जानता था या उनका चुनाव जीतना मुश्किल था पर वे बहुजन समाज पार्टी में रहकर नेता बने और समय रहते पार्टी से निकल कर प्रदेश के कद्दावर नेता बन गए. हालांकि कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष यानि 2022 में विधानसभा के चुनाव होने हैं ऐसे में अगर बहुजन समाज पार्टी में टूट होती है तो यह उसके लिए घातक साबित हो सकती है. पर याद रखिए ऐसा कुछ नहीं होने वाला है.