लखनऊ। पत्नी द्वारा लिखाई बलात्कार की एफआईआर पर चार महीने से जेल में बंद पति की जमानत याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंजूर कर ली है। न्यायालय ने अभियुक्त को सशर्त जमानत देते हुए कहा है कि रिहाई के दौरान वह मामले के गवाहों को परेशान नहीं करेगा। यह आदेश न्यायमूर्ति इर्शाद अलील की एकल पीठ ने अभियुक्त परि परवेज अहमद की जमानत याचिका पर दिया।

यह था मामला
मामला बाराबंकी जनपद के घुंघटेर थाना क्षेत्र का है। अभियुक्त के खिलाफ दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि उसने पीड़िता के साथ बलात्कार किया, उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें खींच लीं और जब वह गर्भवती हो गई तो उसकेव साथ शादी कर ली। यह भी कहा गया कि शादी के बाद अभियुक्त और उसके घरवालों ने गर्भ में पल रहे उसके बच्चे को गिराने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। जब पीड़िता ने इससे इंकार कर दिया व बेटी को जन्म दिया तो उसे मारा पीटा गया और घर से बाहर निकाल दिया गया।

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अभियुक्त पति की ओर से न्यायालय के समक्ष दलील दी गई कि वास्तव में यह पति-पत्नी के बीच विवाद का मामला है। दोनों के बीच सम्बंध काफी खराब हो गए और तब पत्नी ने अभियुक्त के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 के तहत एफआईआर दर्ज करा दी। कहा गया कि सिर्फ अपने पति व ससुरालीजनों को सबक सिखाने के लिए पीड़िता ने उनके खिलाफ यह एफआईआर दर्ज कराई है। न्यायालय ने मामले के तथ्यों व पीड़िता के मजिस्ट्रेटी बयान को देखते हुए अभियुक्त की जमानत याचिका मंजूर कर ली है।http://GKNEWSLIVE.COM

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