लखनऊ। सोशल मीडिया पर डेयरी कंपनी अमूल से संबंधित एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है. ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सऐप के माध्यम से वायरल किए जा रहे इस मैसेज में दावा किया जा रहा है कि अमूल के मालिक आनंद सेठ ने अपनी फैक्ट्री से 1 लाख 38 हजार मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. बहुत से यूजर इस पोस्ट को सच मानकर सोशल मीडिया पर जमकर शेयर कर रहे हैं.
दरअसल, गुजरात के आणंद स्थित अमूल इसके डेयरी प्रोडक्ट के कारण मशहूर है और यह एक नामचीन डेयरी कंपनी है. कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के किसी प्रकार के फैसले की जानकारी कंपनी के ट्विटर अकाउंट और आधिकारिक वेबसाइट पर नहीं दी गई. इसके साथ ही किसी खबर में भी कंपनी के ऐसे फैसले की जानकारी सामने नहीं आई. अमूल के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी ने कई खबरों में इस दावे का खंडन किया है. सोढ़ी ने कहा कि विगत दो वर्षों में कंपनी ने अपने एक भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला है और अमूल के पास 1.38 लाख कर्मचारी हैं ही नहीं. अमूल की फैक्ट्रियों में कुल 16,000 से 17,000 कर्मचारी ही काम करते हैं. सोढ़ी के मुताबिक, कर्मचारियों का चयन मैरिट के आधार पर होता है और किसी को निकालेंगे तो भी इसके लिए उसके मजहब को आधार कभी नहीं बनाया जाएगा.
वायरल मैसेज में आनंद सेठ नाम के शख्स को अमूल का मालिक कहा जा रहा है. सोढ़ी के अनुसार, अमूल एक सहकारी समिति है और इसका कोई मालिक नहीं है. इसके मालिक इससे संबंधित किसान हैं, जो कंपनी को दूध सप्लाई करते हैं. ये किसान विभिन्न धर्मों और समुदायों से हैं. आनंद सेठ नाम का कोई भी शख्स कंपनी का मालिक, सीईओ या प्रबंधन का हिस्सा नहीं है. अब कंपनी के MD ने बताया है कि अमूल ने पिछले 2 सालों से अपने एक भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला है, ऐसे में ये वायरल दावा बिलकुल निराधार और झूठा है।