लखनऊ। आए दिन निजी अस्पताल में प्रसूताओं की मौत पर स्वास्थ्य विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। एसीएमओ की अगुवाई में स्वास्थ्य टीम के जांच करने की सूचना पर क्लीनिक बंद कर संचालक भाग निकले। खुली मिली क्लीनिक के पंजीकरण का नवीनीकरण वर्षों से नहीं कराया गया है। बुधवार को एसीएमओ डॉ. आरएन वर्मा की अगुवाई में स्वास्थ्य टीम ने हैदरगढ़ क्षेत्र स्थित निजी क्लीनिकों की जांच की। टीम के भिलवल स्थित नव ज्योति हॉस्पिटल पहुंच जांच करने की सूचना पर क्षेत्र के सभी क्लीनिक बंद कर संचालक भाग खड़े हुए। एसीएमओ ने कहा कि नव ज्योति हॉस्पिटल ने बहुत पहले विभाग में पंजीकरण कराया था लेकिन कई वर्ष से उसका नवीनीकरण नहीं कराया गया। अवैध तरीके से हॉस्पिटल का संचालन कराया जा रहा है। प्रपत्र जब्त कर संचालक को नोटिस दिया गया है।
तय अवधि में पूरे प्रपत्र नहीं दिखाने पर की जाएगी कार्रवाई
इसके अलावा अंश मेडिकल सेन्टर, आयुषी हॉस्पिटल, दृष्टि नर्सिंगहोम, सिद्धि विनायक पॉली केयर सेन्टर, आशुतोष नेत्र केंद्र पैथोलॉजी बंद मिलने पर जांच नहीं हो सकी है। बीते दिनों जिले में अलग-अलग निजी क्लीनिकों पर इलाज के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत होने से स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गए थे। इसी को लेकर सीएमओ ने जिले में संचालित निजी अस्पतालों की जांच के निर्देश दिए हैं। लेकिन विभाग की कार्रवाई से बिना पंजीकरण के नियम विरुद्ध तरीके से संचालित अस्पतालों के मालिक सतर्क हो गए हैं और अपने बचाव के लिए जांच की सूचना मिलते ही अस्पताल बंद कर गायब हो जाते हैं।https://gknewslive.com