लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बाढ़ के हालात दिनों-दिन गंभीर होते जा रहे हैं। सीएम, डिप्टी सीएम और जल शक्ति मंत्री हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं। कई जगहों का दौरा कर भी चुके हैं। सीएम योगी ने गाजीपुर में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री बांटी और जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ बैठक भी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में भी स्थिति चिंताजनक है। प्रधानमंत्री संवेदनशील हैं, उन्होंने क्षेत्र का हाल जाना और इमदाद का भरोसा दिलाया।
हैरान करने वाली बात यह है कि प्रदेश के 5 सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित जिलों में तीन बुंदेलखंड के हैं। पूवांर्चल और तराई के जिलों में हर साल बाढ़ आती है और हाहाकार मचता है। इस बार तो बुंदेलखंड के जिलों में बाढ़ से विकट स्थिति पैदा हो गई हैं। जालौन, बांदा और हमीरपुर के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में है। राहत विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के 23 जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। इन 23 जिलों के 1000 से ज्यादा गांव में रहने वाली 5 लाख से ज्यादा आबादी बाढ़ से सीधे प्रभावित हुई है। सबसे ज्यादा असर मिर्जापुर में देखने को मिला है, जहां के 404 गांवों में पानी भरा है. इसके अलावा प्रयागराज में 169, जालौन में 114, बांदा में 79 और हमीरपुर के 76 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। गाजीपुर में खतरे के निशान के ऊपर बह रही गंगा नदी।