लखनऊ: देश में किसान आंदोलन लगातार जोर पकड़ता जा रहा है जो वर्तमान भाजपा सरकार के लिये चिंता का विषय बना हुआ है। हालांकि किसान आन्दोलन को विफल करने के लिये केन्द्र व प्रदेश में काबिज भाजपा सरकार ने पूरी ताकत झोंक रखी है। इसके बाबजूद किसान अपनी मांगों पर अडिग हैं। एनडीएफ सयुंक्त किसान मोर्चा ने अब ऐलान कर दिया कि किसानों के समर्थन में एंव देशी-विदेशी पूंजीपतियों के खिलाफ आगामी 27 सिंतबर को भारत बंद करने करने का आवाहन करेगें और 28 सितबंर को फर्रुखाबाद में टाउनहाल स्थित एक जुझारु किसान पंचायत करेगें। यह रणनीति यश भारती इतिहासकार डा0 रामकृष्ण राजपूत राजपूत के निजनिवास पर बनी।

जहां इतिहासकार रामकृष्ण राजपूत,एनडीएफ के राष्ट्र महासचिव योगेन्द्र यादव,राष्ट्रीय सलाहकार प्रमोद शाक्य,भाकियू जिलाध्यक्ष डा0 ओमप्रकाश शर्मा आदि ने आवाहन किया और कहा कि यह मेरा आंदोलन वर्तमान भाजपा सरकार की किसान विरोधी काले कानून के खिलाफ है जो देशी-विदेशी पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं। हमारी वर्तमान सरकार से मांग है कि तीनों काले कृषि कानून वापस हों,न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सभी फसलों की खरीद की कानूनी गांरटी,प्रदेश में किसानों की ऋण माफी जैसे कई मुददे हैं जब तक यह भाजपा सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती तब तक यह आंदोलन निरंतर चलता रहेगा।

 

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