लखनऊ: लखीमपुर खीरी उर्फ मोनू को कुछ दिनों तक उत्तर प्रदेश के कुछ लोग ही जानते थे। मोनू केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे हैं। कभी निघासन विधानसभा सीट से बीजेपी की टिकट का दावा कर रहे आशीष मिश्रा को कुछ स्थानीय लोग जानते थे। यूपी के कुछ लोग उन्हें पहचानते थे। आज पूरा देश उन्हें जानने लगा है लेकिन यह छवि किसी नायक की नहीं बल्कि खलनायक की बन चुकी है। लखीमपुर घटना में पुलिस के सामने आशीष की 10 बजे तक पेशी होनी थी, पर वह अब नहीं आए हैं। लखीमपुर खीरी में गाड़ियों के काफिले ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को रौंद दिया। इस काफिले में सबसे आगे थार चल रही थी। सबसे पहले थार किसानों को कुचलते हुए तेजी से आगे बढ़ी और फिर पीछे से अन्य दो गाड़ियां निकलीं। किसानों का आरोप है कि यह थार अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ही चला रहा था।

तो क्या नेपाल भाग गया आशीष

विपक्ष से लेकर किसान संगठन और स्थानीय लोग आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। पीड़ित परिवारों ने भी कहा ही के जब तक मोनू गिरफ्तार नहीं होता उन लोगों को न्याय नहीं मिलेगा। इधर कुछ चैनल्स का दावा है कि आशीष मिश्रा गिरफ्तारी से बचने के लिए नेपाल भाग गया है। आपको बताते हैं आशीष मिश्रा की पूरी कुंडली। 2012 से राजनीति में हुए ऐक्टिव आशीष मिश्रा केंद्रीय मंत्री के छोटे बेटे हैं। साल 2012 में पिता को विधायकी का टिकट मिलने के साथ ही वह राजनीति में ऐक्टिव हो गए थे। साथ ही पिता के पेट्रोल पंप और राइस मिल वगैरह का बिजनस भी देखते थे। ऐसे बीजेपी नेताओं के आए करीब आशीष मिश्रा कैसे पिता के छत्रछाया में बीजेपी के बड़े नेताओं के करीब आते गए, यह उनकी फेसबुक अकाउंट को खंगालने पर पता चलता है। उनकी फेसबुक पोस्ट को देखें तो 2018 से पहले आशीष आमतौर पर अपने पिता के काम ही शेयर करते थे। धीरे-धीरे वह न सिर्फ बीजेपी नेताओं के करीब आते चले गए, बल्कि इस विधानसभा चुनाव में टिकट के तगड़े दावेदार के तौर पर भी उभर गए। पिता के चुनाव प्रचार की संभाली जिम्मेदारी जिला पंचायत सदस्य के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले अजय मिश्र टेनी को 2012 में बीजेपी ने लखीमपुर खीरी की निघासन सीट से टिकट दिया था। उस वक्त उनके चुनाव प्रचार का जिम्मा बेटे आशीष मिश्रा ने संभाला था। दोनों की कड़ी मेहनत और अजय मिश्रा की लोकप्रियता के बदौलत यहां बीजेपी को जीत हासिल हुई थी जबकि सरकार सपा की बनी थी।

 

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