Naida: BJP supporters during Union Home Minister Amit Shah's roadshow in support of BJP candidates ahead of the 5th phase of West Bengal Assembly polls in Santipur, Nadia, Sunday, April 11, 2021. (PTI Photo) (PTI04_11_2021_000079B)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्वांचल इस समय राजनीतिक अखाड़ा बना हुआ है। सभी दल चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दलों सहित, पूर्वी यूपी के जिलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए ‘पूर्व की ओर देखो नीति’ अपना रहे हैं। पार्टियां जातीय समीकरण तोड़ने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं, जो राज्य के किसी भी अन्य हिस्से की तुलना में पूर्वी यूपी में अधिक जटिल हो गया है। सूत्रों की माने तो बीजेपी को इस बात की चिंता सता रही है कि वो पश्चिमी यूपी की बजाए पूर्वांचल में ज्यादा सीटें गवां सकती है।

पिछले आंकड़ों पर भी गौर करें तो लहर के बावजूद पूर्वांचल के लगभग दस जिलों में बीजेपी की स्थिति काफी कमजोर थी। दरअसल कुछ छोटे दलों ने भाजपा के साथ हाथ मिलाया है, ओपी राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है। पूर्वी यूपी के जिलों पर भाजपा का ध्यान इस तथ्य से स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्सर सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, वाराणसी और गोरखपुर का दौरा करते रहे हैं, जबकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की अधिकांश यात्राएं पूर्वी यूपी के जिलों में हुई हैं।

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