लखनऊ। उन्नाव जिले के पुरवा तहसील के सेमरीमऊ गांव मे माँ श्रीं दुर्गा मंदिर के प्रांगण में चल रही नवदिवसीय श्री दिव्य राम कथा के नवें दिन जब हनुमान जी ने बताया कि माता सीता लंका में है, लेकिन समस्या ये थी कि लंका में कैसे पहुचें सत जोजन समुद्र कैसे पार करें। तब बाली के पुत्र नल नील को ये वरदान था कि वो अगर समुद्र में कुछ कुछ भी डाले वो डूबेगा नहीं। इसीलिए नल नील ने हाथो से पत्थर में भगवान राम का नाम लिखकर पत्थर से एक सेतु बनाया, जिससे कि भगवान राम और उनके सभी साथी और संपूर्ण वानर सेना के साथ लंका पहुचें और 41 दिन युद्ध चला और रावण को पराजित किया और विभीषण को राजा बनाया और माता सीता को पुष्पक विमान से लेकर अयोध्या पहुचें जब भगवान अयोध्या पहुचें, तो अयोध्यावासियों ने घी के दिए जलाये और भगवान का अभिषेक किया और उन्हें अयोध्या का राजा बनाया। इसके बाद भगवान का राज्याभिषेक किया। सभी भक्तों ने बधाई गीत गाए।

वहीं कार्यक्रम में पहुचें संघ के विभाग प्रचारक श्रीं डॉ अशोक कुमार दुबे जी ने व्यास पीठ कि आरती उतारकर व्यास जी से आशीर्वाद लिया और उन्होंने अपने विचार व्यक्त किया और उन्हें मंच पर माल्यार्पण कर भगवान राम की स्मृति दी जहां पुरवा नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रेनु गुप्ता, डॉक्टर अशोक दुबे, योगेन्द्र नाथ द्विवेदी, लखनऊ से आए बी के मिश्रा सहित क्षेत्र के तमाम गणमान्य लोग मौजूद रहे। इसके बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जहां सभी ग्रामवासी और क्षेत्रवासियों ने पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया और सफ़लता पूर्वक कार्यक्रम संपन्न हुआ। आचार्य मनमोहन त्रिपाठी ने पूरी समिति का आभार व्यक्त किया और सभी को आशीर्वाद दिया। जहां आयोजक दिवाकर शुक्ला के साथ-साथ अंकित तिवारी, राकेश शुक्ला, सचिन, नितिन, राहुल नीरज आदि का कथा में सराहनीय योगदान रहा। https://gknewslive.com

admin

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *