लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर से जहां जीवों को कुदरत के प्रकोप से बचाने के लिए दिन रात अथक परिश्रम कर रहे उज्जैन वाले पूज्य बाबा उमाकांत जी महाराज ने बताया कि प्रेमियों कम खाओगे तो बीमारी नहीं होगी। गम खाओगे, दो बात बर्दाश्त कर लोगे तो लड़ाई-झगड़ा नहीं होगा। घर-घर में तकलीफ बढ़ती चली जा रही है। अगर इस पर रोक नहीं लगाओगे, खान-पान, चाल-चलन विचार-भावनाएं सही नहीं करोगे तो जो लोग बचे हो यह सब त्रस्त हो जाओगे। कलयुग का असर दिखाई पड़ रहा है।

रावण शराब पीता था। जब उसकी बुद्धि खराब होती थी तो दूसरे की मां-बहन की पहचान आंखों से खत्म कर लेता था। उसका क्या हाल हुआ?
एक लाख पूत, सवा लाख नाती।
तह रावण घर दिया न बाती।।

कृष्ण जब आए तब बहुत समझाया। जब नहीं माने तो 18 दिन का महाभारत और 56 करोड़ यदुवंशी दो घंटे में समाप्त हो गए। नजर और नीयत खराब होने की वजह से महाभारत हुआ और गलती की वजह से रावण का विनाश हुआ। जरूरी है कि चाल-चलन, विचार-भावना और खान-पान सही रखा जाए। आज सब लोग पूर्णिमा के दिन संकल्प लो कि हम सारी बुराइयां छोड़ेंगे। नहीं छोड़ोगे तो जो लोग बचे हुए हो, कलयुग का ऐसा असर दिखाई पड़ रहा है कि सब लोग त्रस्त हो जाओगे।

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