लखऊ: उत्तर प्रदेश में चुनाव महज एक महीने ही दूर है लेकिन हर रोज यूपी में सियासी उठापटक जारी है। उत्‍तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जिस तरह से योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने पार्टी से इस्‍तीफा दिया है, उसके बाद से बीजेपी में हलचल तेज हो गई है। आगामी चुनाव को देखते हुए बीजेपी अभी से डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। इस बीच योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री समेत चार विधायकों के सपा में जाने के बाद बीजेपी में अंदरखाने पूरी तरह से खलबली मच गई है। बदली हुई परिस्थितियों में पूरी कमान अमित शाह ने अपने हाथों में ले ली है और असंतुष्ट माने जा रहे मंत्रियों और विधायकों से पार्टी लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। हालांकि ऐसा माना जा रहा है आने वाले दिनों में कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान, मंत्री धर्म सिंह सैनी समेत कई बड़े नेता बीजेपी का साथ छोड़ सकते हैं।

अलाकमान ने दिया असंतुष्ट लोगों को शांत कराने का निर्देश
राज्य के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, एक जमीनी स्तर के ओबीसी नेता के अचानक बाहर होने और पार्टी के कुछ अन्य सांसदों के इस्तीफे के बाद, यूपी में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जल्दी से एक दोहरी रणनीति बनाई। भाजपा के तीन अन्य विधायकों के इस्तीफा देने और कम से कम एक दर्जन अन्य लोगों के इस्तीफा देने वालों की संभावना के बाद, भाजपा आलाकमान ने पार्टी के ओबीसी राज्य भाजपा प्रमुख स्वतंत्र देव और राज्य महासचिव (संगठन) सुनील बंसल को तुरंत असंतुष्ट नेताओं से बात करने और शांत करने का निर्देश दिया है।

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