लखनऊ। मानव, समाज और देश के उत्थान के लिए मानवीय मूल्यों और गुणों को बताने-सिखाने वाले, बड़ी सोच रख कर अपना भौतिक और आध्यात्मिक लाभ लेने की इच्छा जगाने वाले पक्के देशभक्त और इस समय के पूरे सन्त सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अपने सन्देश में बताया कि हमारे यहां कोई जाति धर्म पर जोर नहीं दिया जाता। मानव, मानवता, मानव धर्म सिखाया जाता है। सत्य अहिंसा परोपकार सेवा ही मानव धर्म है। यहां हड़ताल तोड़फोड़ धरना घेराव से लोगों को दूर रहना और देशभक्ति, देश की संपत्ति को अपना मानना सिखाया जाता है। यहां पर वसुधैव कुटुंबकम् की बात सिखाई जाती है। उस मालिक ने हिंदू न मुसलमान, भारत न पाकिस्तान बनाया, जाति-पात यह सब आदमी की बनाई हुई चीज है। सभी में मालिक की अंश जीवात्मा है। उसके लिए तो सब समान होते हैं। हमारे यहां तो सब समानता है।
गुरु महाराज जी ने बताया कि बच्चे और बच्चियों पर नजर रखो, कहां जाते हैं, क्या करते हैं। समय से बच्चे और बच्चियों की शादी कर दो उनको न खोजना पड़े। भारत एक अध्यात्मिक देश है और भारत में ही आध्यात्मिक विज्ञान है। उसी भारत के आध्यात्मिक विज्ञान को पकड़ करके बाहर के देश तरक्की कर गए। सन्त कर्जा किसी का नहीं रखते हैं, जिसका एक गिलास पानी भी पी लेते हैं, उसका भी अदा कर देते हैं। किसी का मारकर करके, छीन करके मत लाना। अगर लाओगे तो उसी तरह से चला जाएगा। मेहनत-ईमानदारी की कमाई पर भरोसा करना। उसमें बरकत मिलेगी। https://gknewslive.com