जीवन शैली : हमारा सच्चा हितैषी कौन? वह जो हमारी चापलूसी करता है, हम सही हो या गलत हमेशा हमारा ही साथ रहता है या फिर वह जो सही होने पर हमारा साथ देता है और गलत होने पर हमें हमारी गलतियों से अवगत कराता है। जो बिना अपने फायदे नुकसान के बारे में सोचें हमसे सत्य कह कर हमें दुष्कर्म करने से रोकता है।
अक्सर हम कई बार ऐसे लोगों के बीच आ जाते हैं जहां हम अपने और पराए में फर्क नहीं कर पाते है। हम नहीं समझ पाते हैं कौन वाकई में हमारी खुशी हमारी तरक्की होते हुए देखना चाहता है, और कौन है जो केवल सच्चा होने का नाटक कर रहा है ।
सच्चाई का दिखावा करने वाले लोग ना तो खुद आगे बढ़ते हैं और ना ही किसी और को आगे बढ़ने देते हैं ।
वही अच्छे लोग, हमारा सच्चा हितैषी हमेशा हमें आगे बढ़ने की सलाह देता है। सुख हो या दुख सदैव हमारे साथ रहता है वह हमारी प्रेरणा का स्रोत बनता है ।
सच्चा हितैषी कभी भी हमारी गलतियों पर पर्दा नहीं डालता , बलकि वह सदैव हमसे सत्य कहता है ताकि हम दोबारा भविष्य में ऐसी गलती ना दोहराएं । और अपनी भूल को सुधार कर अपने पथ पर अग्रसर रहें और अपनी मंजिल को प्राप्त करें सके।
“सच्चाई”नीम की तरह “कड़वी” होती है, पर वही कड़वी नीम हमें अनेक बीमारियों से सुरक्षा भी प्रदान करती हैं।
सच्चे लोग भी इसी तरह होते हैं उनकी बातें हमें अप्रिय लगती हैं। परंतु सकारात्मक तौर पर देखा जाए तो उनकी यही आदत हमें एक श्रेष्ठ चरित्र वाला व्यक्ति बनाती हैं ।
इसलिए हमें यह ध्यान रखना चाहिए, यदि ऐसा कोई व्यक्ति हमारे जीवन में है तो हम उसे खोए नहीं बल्कि सदैव उसके साथ रहे उसे अपने निकट रखें, क्योंकि यही है हमारा सच्चा हितैषी ।
अपने हितैषी से अपनी गलतियों के बारे में, अपने अंदर की बुराइयों, कमियों के बारे में जाने और उन्हें दूर कर एक श्रेष्ठ व्यक्ति बने ।
मेरे पास तो है मेरे सच्चे हितैषी जो सदैव मुझे आगे बढ़ने की सलाह देते हैं। मेरे आत्मविश्वास को बढ़ावा देते हैं। मुझे प्रोत्साहित करते हैं । परंतु यदि मैं गलत हूं तो मुझे डांटते हैं , समझाते हैं मुझे मेरी गलतियों का आभास भी करवाते हैं और मैं इन्हें कभी नहीं खोना चाहती ।
वहीं दूसरी ओर झूठे लोग नहीं समझ पाते कि उन्होंने जो झूठी सच्चाई के दिखावे का मुखौटा पहना है वह एक ना एक दिन अवश्य टूटेगा और जिस दिन ऐसा होगा वह अपनों के बीच भी स्वयं को अकेला खड़ा पाएगा । कोई नहीं होगा जो उससे किसी भी प्रकार का कोई संबंध रखना चाहेगा ।
इसलिए हमें इस बात को समझना होगा कि यदि हम किसी के अच्छे के बारे में नहीं सोचते तो हमें उसका हितेषी होने का दिखावा भी नहीं करना चाहिए अन्यथा परिणाम दुखदाई होगा | हम सभी जानते हैं कि समय चाहे कितना भी क्यों ना लगे परंतु विजय सदैव सत्य और सच्चे व्यक्ति की ही होती है ।
धन्यवाद
लेखिका- कीर्ति गुप्ता