लखनऊ: विधान परिषद चुनाव में समाजवादी पार्टी के दोनों प्रत्याशियों ने शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया. विधान परिषद की 12 सीटों के लिए राजनीतिक गोटी लगभग तय हो चुकी हैं. भाजपा 10 विधायक बना सकेगी. वहीं सपा को 1 सीट मिलनी तय है, लेकिन अखिलेश यादव ने दो उम्मीदवारों को उतारकर मुकाबले की स्थिति खड़ी कर दी है. ऐसे में सवाल उठता है कि परिषद के इस चुनाव में सपा की लड़ाई बीजेपी से होगी या फिर किसी निर्दलीय उम्मीदवार से?
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भाजपा ने वैसे तो 12 पर्चे खरीदे हैं लेकिन, अंदरूनी लोगों का कहना है कि पार्टी सिर्फ 10 विधायकों को जिताएगी. शायद एक निर्दलीय मैदान में आये जिसे पार्टी का सरप्लस वोट मिले. 1 सीट के बाद दूसरी सीट की अखिलेश यादव की चाहत तब पूरी होगी, जब पार्टी इस निर्दलीय उम्मीदवार को पटखनी दे लेकिन, क्या ऐसा हो पायेगा. इस सवाल का जवाब विधायकों की संख्या को समझकर मिल जायेगा.
बता दें कि विधानसभा में अभी 403 विधायक हैं. परिषद में विधायक बनने का फार्मूला सीधा है. जीतने के लिए एक तय संख्या के बराबर वोट चाहिए होते हैं. विधायकों की कुल संख्या को चुनाव होने वाली सीटों की संख्या में एक जोड़कर उससे भाग दे देने पर जो नंबर आता है, उतने वोट जीतने के लिए चाहिए होते हैं. इस तरह 403 को 12+1=13 से भाग देने पर 31 की संख्या आती है. यानी एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 31 विधायकों के वोट चाहिए.https://www.gknewslive.com