लखनऊ: आज कल के समय में राजनीति का स्तर इतना गिर चुका है की उसकी कल्पना करना काफी मुश्किल है। चुनावी मैदान में नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की आड़ में सभी मर्यादायें लांघ जाते हैं। देश की महिलाओं, बहन, बेटियों के लिए इस तरह की भाषा का प्रयोग समाजिक रुप से करतें हैं, जो गालियों से कम नहीं हैं। ऐसी ही अमर्यादित टिप्पणी के मामले में बसपा के पूर्व महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी व राम अचल राजभर फस गयें हैं और अब उनकी संपत्ती कुर्क की जायेगी।

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आपको बता दें लखनऊ एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले ने बसपा के पूर्व महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. अदालत ने सोमवार को नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर की संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए हैं. मामला बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं व उनकी बेटी के लिए अमर्यादित शब्द इस्तेमाल करने का है. इस आरोप में नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर के खिलाफ आपराधिक मामला चल रहा है. कोर्ट ने अब दोनों आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दे दिया है.

कोर्ट ने हाजिरी माफ़ी की ख़ारिज :

बता दें हजरतगंज थाने में दर्ज इस मामले में नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर को पेश होना था. लेकिन वारंट जारी होने और भगोड़ा घोषित होने के बाद भी दोनों कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए और हाजिरी माफ़ी और तारीख बढ़ाने की अर्जी दी. इस पर कोर्ट ने कहा कि यह अर्जी पोषणीय नहीं है. इसके बाद कोर्ट ने दोनों की सम्पत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया। बता दें अन्य तीन आरोपी मेवा लाल गौतम, अतर सिंह राव, नौशाद अली कोर्ट में पेश हुए थे.

 

 

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