लखनऊ। नवरात्र एवं उपवास का महत्व, क्यों करे, कैसे करें तथा इससे शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक लाभ कैसे ले सकते हैं, ये बताने वाले इस समय के मौजूदा पूरे पहुंचे हुए समर्थ सन्त सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अपने संदेश में बताया कि दिल, दिमाग और बुद्धि के शुद्धिकरण के लिए समय-समय पर सन्त-महात्माओं ने नियम बनाये। इन 9 दिनों में तत्वों की इसमें तबदीली होती है। उन्होंने बताया कि मेहनत नहीं करने वाले का हजम नहीं होता। उनके लिए तो ज्यादा जरुरी है सफाई करना। नहीं तो आंतड़ियों में मल इकट्ठा हो जाता है, सड़ता है और भूख ख़तम हो जाती है। इसलिए शरीर के शुद्धिकरण, ओवर हालिंग के लिए ये नवरात्र का व्रत बना दिया।
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महाराज जी ने व्रत रखने के साथ-साथ अमरूद खाने का भी सही तरीका बताया। शरीर देखने मे भले ही दुबला-पतला लगे, लेकिन स्टेमिना-ताकत बढ़ जाती है। जो लोग पूरा व्रत न कर पाए उनके लिए विकल्प भी बताया। पहले के तरीके अलग थे जो अब संभव नहीं। इसलिए संतों ने बहुत सरल किया और इसको ख़तम कर दिया। तो इन (व्रत के) तरीकों में सब को कुछ न कुछ करना चाहिए। https://gknewslive.com