लखनऊ। पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने लखनऊ जेल में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके बाद जेल मुख्यालय ने इस मामले में जांच बैठा दी है। अमिताभ ठाकुर की शिकायत पर डीआईजी जेल मुख्यालय शैलेन्द्र मैत्रेय को इस मामले की जांच सौंपी गई है। जबरन रिटायर किए गए अमिताभ ठाकुर ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि लखनऊ जेल में सुविधा के नाम पर दैनिक उपयोग की तमाम वस्तुएं जैसे सब्जियां, दुग्ध उत्पाद, बीड़ी आदि की बिक्री होती है।

उन्होंने कहा कि वहां हर सामान अपने वास्तविक मूल्य से काफी बढ़े मूल्य पर बेचा जा रहा है। उदाहरण के लिए 5 रुपये के बिस्कुट के 2 पैकेट, 10 रुपये का साबुन, 10 रुपये का टूथपेस्ट का छोटा पैक 15 से 20 रुपये में बेचा जा रहा है. इसी तरह एक रुपये का माचिस का पैकेट 5 रुपये और पराग का आधा लीटर का फुल क्रीम मिल्क 29 रुपये की जगह 40 रुपये में बेचा जा रहा है। इसी तरह हर सामान बढ़े दाम पर बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके पास इस संबंध में सबूत भी हैं। अमिताभ ठाकुर ने बताया है कि उन्हें इस मामले में जांच अधिकारी शैलेन्द्र मैत्रेय ने 7 मई को बयान देने और सबूत पेश करने के लिए जेल मुख्यालय बुलाया है।

गौरतलब है कि अमिताभ ठाकुर को रेप पीड़िता को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले के आरोप में पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। करीब सात महीने बाद वो जमानत पर रिहा हुए हैं। https://gknewslive.com

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