लखनऊ: चरम पर पहुचते कलयुग में सतयुग लाने की घोषणा करने वाले निजधामवासी सन्त बाबा जयगुरुदेव के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, युग परिवर्तन के समय होने वाली भारी जन-धन की हानि को रोकने में दिन-रात लगे, अपने गुरु के मिशन में स्वयं लगने व प्रेमियों को भी लगा कर बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाने का बड़ा लक्ष्य रखने वाले, इस समय के जीवित पूरे समर्थ सन्त सतगुरु, वक़्त के महापुरुष, दुःखहर्ता त्रिकालदर्शी उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी ने 9 जून 2022 को दुर्ग छत्तीसगढ़ स्थित आश्रम में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि देखो सरकारें योजनाएं बनाती हैं, जिम्मेदारियां, काम बांट देती है तुम यह काम करो, तुम वह काम करो। फिर वे काम में जब वह लगते हैं तो पूरा हो जाता है।
आदेश पालन में लगोगे तो लोक-परलोक दोनों बन जाएगा नहीं तो एक दिन चुकाना पड़ेगा
राम काज कीन्हें बिना, मोहे कहां विश्राम। राम भक्त हनुमान ने कहा था। आप किसके भक्त हो? गुरु महाराज के। गुरु जो काम छोड़ कर के गए, उस मिशन को पूरा किये बगैर आपको विश्राम कहां? नहीं है। यहां भले ही एसी-पंखा में सो लो, अच्छा खा लो, अच्छी गाड़ी में घूम लो, बड़े आदमियों में अपनी गिनती करा लो, मान प्रतिष्ठा बढ़ा लो लेकिन जो इकट्ठा करने के इन कामों में लगे हुए हो इसको एक दिन आप को चुकाना पड़ेगा। अगर गुरु के आदेश के पालन में लगोगे तो यह भी होता रहेगा, वह भी होता रहेगा और फिर लेना-देना उसी में अदा हो जाएगा। यह जो एक लेने-देने और कर्जे का विधान बना दिया, इसमें लोग फंस गए। उससे कोई निकल नहीं सकता। इसलिए जो भी योजना बनती है, उसके अंतर्गत जब लोग लगते हैं तब वह काम पूरा हो जाता है।
आप सन्त के जीव हो, बगैर मारकाट के परिवर्तन है लाना
पिछले आये महापुरुषों राम-कृष्ण में काल और दयाल दोनों अंश वाले थे। काल रूप तिनकर मैं भ्राता। उन्होंने भी टीम तैयार की थी। बहुत लोगों को (कर्मों के अनुसार सजा दिया) लेकिन संत के आप जीव हो, भक्त हो तो आपको तो मार-काट वाला कोई काम करना ही नहीं, बिना मारकाट के परिवर्तन लाना है, गुरु महाराज का काम करना है।
शाकाहारियों, भक्तों, अच्छे लोगों की करो टीम तैयार, कलयुग छोड़कर भग जाएगा
आपकी लड़ाई भी लंबी है। दुश्मन को कमजोर नहीं समझना चाहिए। आपकी लड़ाई किससे है? कलयुग से है। कलयुग अपना जोर लगा रहा है, अपनी टीम, फौज तैयार कर रहा है। आप अपनी फौज नहीं तैयार करोगे तो आप कैसे जीत पाओगे? गुरु का मिशन कैसे पूरा होगा जो छोड़ करके गए? कैसे आप गुरु भक्त कहे जाओगे? तो आप अपनी फौज तैयार करो। कौन सी फौज? भक्तों, शाकाहारियों, अच्छे लोगों की फौज। कलयुग से लड़ाई लड़ने के लिए तैयार करो। कलयुग जब देखेगा कि कितने वीर त्यागी हैं और इतने अच्छे लोग हैं तो इनके सामने हम कहां से टिक पाएंगे, कलयुग देखकर अपने आप हट जाएगा, छोड़ करके भागेगा।
वक्त के सन्त की बात गलत नहीं हो सकती, नहीं होगी
प्रेमियों! गुरु महाराज कहा करते थे- कलयुग में कलयुग जाएगा, कलयुग में सतयुग आएगा।
पक्की बात है। महात्माओं की बात आज तक गलत नहीं हुई। व्यथा न जाय देव ऋषि वाणी।
सन्तों की बात गलत नहीं होती है। डंके की चोट पर लोगों ने कहा, सूरज पश्चिम निकलने लग जाए, जमीन उठकर के आसमान में चली जाए और आसमान नीचे आ जाए लेकिन महात्माओं की बात गलत नहीं हो सकती है। जो पूरे सन्त सतगुरु होते हैं, वक्त के महापुरुष होते हैं, उनकी बात गलत नहीं हो सकती, गलत नहीं होगी।
कलयुगी लोग अगर सतयुग लायक नही बनेंगे, नहीं सुधरेंगे तो हो जाएंगे खत्म
लेकिन कलयुग जो टीम, फौज बना रहा है या तो वो (कलयुगी टीम) सुधरेंगे या खत्म हो जाएंगे। तो उनको बचाने की जरूरत है। आप अगर चाहो तो बचा लो।
आपको नहीं पता कि आपके देश, घर, परिवार में कौन हैं कलयुग के सिपाही
आप बहुत से लोगों को यही नहीं पता कि हमारे देश, जिले, घर, परिवार, रिश्तेदारों में कौन कलयुग का सिपाही है। जिनसे आपका प्रेम, लगाव है यदि आपके जैसा उनका व्यवहार नहीं है, शाकाहारी सदाचारी नशामुक्त नहीं है, नामदानी भजनानंदी नहीं है तो कैसे माना जाएगा कि वो सतयुग के सिपाही हैं, सतयुग देखने लायक हैं। वो तो कलयुग की धारा चल रही, प्रकोप, लोभ लालच बढ़ रहा, मान सम्मान ज्यादा देने ज्यादा चल रहा है। जो नहीं मिलना चाहिए वह भी मिल रहा है। कैसे माना जाए। एक दिन यही होगा- जिनको आप अपना अजीज, प्यारा समझते हो वही आपसे दूर हो जाएंगे, उन्हीं का साथ छूट जाएगा।
आपके परिवार, मिलने-जुलने वाले, रिश्तेदारों को समझाओ नहीं तो आपके प्यारे आपसे हो जाएंगे दूर
आपका प्रेम आपका परिवार में बना रह जाए, आपके परिवार वाले, पड़ोसी, रिश्तेदार, मिलने-जुलने वाले भी सतयुग को देख ले उसके लिए तो उसके लायक उनको बनाना पड़ेगा। तो बगैर मेहनत के क्या ऐसे ही बन जाएंगे? गंदा होने पर धोना पड़ता है चाहे कपड़ा हो या शरीर। कितना भी बच्चा रोये, छटपटाये, गंदगी को रगड़ कर साफ करते हो, दया नहीं करते वरना रोग हो जाएगा। इसलिए प्रेमियों! यह मत सोचो कि परिवार वालों, रिश्तेदारों, मिलने-जुलने वालों को न बतावे-समझावें क्योंकि उनको अच्छा नहीं लगेगा। अच्छा कब लगेगा? जब आप उनको अच्छा बना दोगे। नहीं तो एक दिन बहुत बुरा उन्हीं को महसूस होने लगेगा, उसके असर में आप भी आ जाओगे।