लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी इन दिनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में काफी ज्यादा सक्रिय हो गए हैं। वह सेना में भर्ती की स्कीम ‘अग्निपथ योजना’ के खिलाफ आंदोलन चला रहे हैं तो साथ ही दलितों के बीच अपनी पार्टी की पहुंच बढ़ाने के लिए भी एक बड़ा कदम उठा चुके हैं। जबकि, किसानों का मुद्दा तो उनकी पार्टी के लिए हमेशा से ही महत्वपूर्ण रहा है। यूं समझ लीजिए जयंत चौधरी ने 2024 की तैयारी अभी से ही गंभीरता से शुरू कर दी है। फिलहाल वह जिन तीन मुद्दों पर फोकस कर रहे हैं, वे हैं – युवा, किसान और दलित। आरएलडी नेता ऐसे समय में सियासी तौर पर इतने सक्रिय हुए हैं, जब उनकी सहयोगी सपा के नेता अखिलेश यादव को घर में भी चुनौतियां मिल रही हैं और सहयोगी भी आंखें दिखा रहे हैं।

फुलफॉर्म में हैं जयंत चौधरी
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव में मिली हार से उबर भी नहीं पाए थे कि आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनावों में करारी शिकस्त ने उनकी चुनौती को और भी मुश्किल बना दिया है। ऊपर से आजम खान की नाराजगी की वजह से मुस्लिम वोट बैंक खिसकने की जो आशंका थी, वह और भी ज्यादा बढ़ चुकी है। स्थिति ये हो चुकी है कि अब सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओपी राजभर भी आए दिन आईना दिखाने लगे हैं। लेकिन, समाजवादी पार्टी की एक और सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी राज्यसभा में पहुंचने के बाद फुलफॉर्म में हैं।

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