लखनऊ: विश्व विख्यात सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के उत्तराधिकारी, इस समय धरती पर मनुष्य शरीर में मौजूद वक़्त के गुरु जिनको नामदान देने का अधिकार गुरु महाराज वर्ष 2007 में सार्वजनिक रूप से सतसंग मंच से दे कर गए, कईयों को अंतर में पहचान गुरु महाराज ने करवा दी कि अब से येही (बाबा उमाकान्त जी महाराज) देखेंगे, येही सब करेंगे ऐसे समर्थ सतगुरु, मथुरा की संस्था के संविधान में लिखा है कि जिसको गुरु महाराज नामदान देने के लिए अधिकृत करेंगे जिसका नाम खोलेंगे, वोही उत्तराधिकारी, अध्यक्ष होगा, आगे सब नए-पुराने जीवों की संभाल करेगा -गुरु महाराज का ये आदेश मानने वाले और मनमुख बन कर आदेश नहीं मानने वालों- दोनों तरह के भक्तों से प्रेम करने वाले, दोनों की संभाल करने वाले, वक़्त के महापुरुष सन्त सतगुरु दुःखहर्ता त्रिकालदर्शी परम दयालु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के प्रति माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को मनाए जाने वाले मासिक भंडारा पर्व के शुभ अवसर पर 27 जुलाई 2022 प्रातः कालीन बेला में बावल आश्रम, रेवाड़ी (हरियाणा) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि

गुरु महाराज बाबा जयगुरुदेव का क्षेत्रवार मासिक भंडारा कार्यक्रम कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को मनाया जाता रहेगा।रक्षाबंधन का सतसंग व नामदान कार्यक्रम गुरु महाराज की दया मेहर रही तो बावल आश्रम, रेवाड़ी (हरियाणा) में 10-11 अगस्त 2022 को हो जाएगा। रक्षाबंधन का मतलब क्या होता है? बंधन से रक्षा हो जाए, निकल जाओ। बंधन में ही तो बंधे पड़े हैं। बंधन से कौन नहीं मुक्त होना चाहता है। सारे बंधन कट जाएं, सारे बंधन से मुक्त हो जाओ, निरबंधन हो जाओ, वह सब तरीका बताया जाएगा।

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