उत्तर प्रदेश : प्रधानमत्री मोदी ने नौसेना को सौपा स्वदेशी एयरक्राफ्ट विक्रांत। नरेंद्र मोदी ने आज विक्रांत को देश को समर्पित कर दिया है। पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान कहा, बूंद-बूंद जल से जैसे विराट समंदर बन जाता है। वैसे ही भारत का एक-एक नागरिक ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को जीना प्रारंभ कर देगा, तो देश को आत्मनिर्भर बनने में अधिक समय नहीं लगेगा।
वही दूसरी ओर नौसेना को मिले इस स्वदेशी एयरक्राफ्ट विक्रांत पर पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। कांग्रेस महासचिव प्रभारी संचार जयराम रमेश ने एक ट्वीट कर मोदी सरकार पर मिशाना साधा है। अपने ट्वीट में जयराम रमेश ने कहा कि, भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत 1999 से सभी तक की सरकारों का एक सामूहिक प्रयास है। क्या प्रधानमंत्री इसे स्वीकार करेंगे? उन्होंने आगे कहा की, आइए मूल आईएनएस विक्रांत को भी याद करें जिसने 1971 के युद्ध में हमारी अच्छी सेवा की थी। बहुत बदनाम कृष्णा मेनन ने इसे यूके से प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
India’s 1st indigenous aircraft carrier INS Vikrant commissioned today is a collective effort of all govts since 1999. Will PM acknowledge?
Let’s also recall original INS Vikrant that served us well in 1971 war. Much reviled Krishna Menon played a key role in getting it from UK.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 2, 2022
जयराम रमेश ने मिडिया की दिए अपने एक बयान कहा की, ये एयरक्राफ्ट विक्रांत को लाने की शुरुवात 22 साल पहले बाजपाई सरकार में करदी गयी थी, तो फिर मोदी सरकार की उपलब्धि कैसे हुई। इसके पीछे मनमोहन सिंह ने भी काम किया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि, अगर आप इसका इतिहास देखेंगे तो यह 1999 से शुरू होता है जिसका कमीशन आज हुआ। लेकिन आज के प्रधानमंत्री इसका श्रेय खुद लेंगे और कहेंगे कि मैं जब 2014 में आया उसके बाद इसकी शुरुआत हुई मोदी सरकार ये स्वीकार क्यों नहीं करती कि इसके पीछे और भी पूर्व नेताओ की कोशिश है तभी आज यह कोशिश सफल हो पायी है