उत्तर प्रदेश : अब डीएम की अनुमति के बगैर रात को पुलिस जबरन नहीं करा पाएगी पीड़ित का अंतिम संस्कार। राज्य सरकार ने मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए जारी की ‘स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर’ (एसओपी) . जानकारी के मुताबिक, हाथरस मामले में आधी रात को पीड़िता के अंतिम संस्कार को लेकर हुए बवाल को देखते हुए राज्य सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच को बताया कि, हाथरस कांड जैसे मामलों में शवों के गरिमापूर्ण अंतिम संस्कार की नई योजना (एसओपी) जारी कर दी गई है।
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हाईकोर्ट के निर्देश पर गृह विभाग द्वारा तैयार एसओपी में किसी घटना में मारे गए व्यक्ति के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया का निर्धारण किया गया है। इसमें बताया गया है की, यदि मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार रात में ही करना जरूरी है तो ऐसी स्थिति में डीएम की अनुमति लेना जरूरी होगा। नई एसओपी में दो स्तरीय समिति गठित करने का भी प्रावधान है। दर्ज कराई गई पीआईएल पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति राजन राय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश ‘शवों के गरिमापूर्ण अंतिम संस्कार का अधिकार’ शीर्षक से खुद संज्ञान लेते हुए दिया है। कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 2 नवंबर को करेगी।