लखनऊ: संतो के सतसंग से ही ज्ञान की प्राप्ति होती है पवित्र ग्रंथ रामायण में भी लिखा है- बिन सतसंग विवेक न होई। यानी बिना सतसंग के विवेक, ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती। विवेक हीन मनुष्य पशु के समान होता है।यह बात विकास खण्ड हिलौली के पंसरिया ग्राम में स्थित गुरु कृपा ब्रिक फील्ड में सतसंग समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता संकठा प्रसाद शुक्ला ने कही।श्री शुक्ला ने बताया कि प्रत्येक प्राणी को गुरु करना चाहिए गुरु के बिना कोई भी प्राणी भव सागर पार नही किया जा सकता –
राम कृष्ण से को बड़ो तीनहुँ तो गुरु कीन।
तीन लोक के जे धानी गुरु आगे आधीन।।
इस धरती पे भगवान राम, कृष्ण ने भी जब गुरु किया तो भव सागर से पार जाने के लिए हमे भी गुरु करना चाहिए। शाकाहार के बारे मे समझाते हुए कहा कि उज्जैन के बाबा उमाकांत जी महाराज ने आप सभी को संदेशा भेजा है कि आगे शराब व मांस के खाने पीने से ऐसी ला इलाज बीमारियाँ आ रही है जिनका इलाज डॉक्टरों के पास नही होगा ,वह मालिक आपके कर्मों की सजा देने जा रहा है उससे बचने के लिए आप लोग शाकाहारी सदाचारी नशा मुक्ति हो जाओ जिससे आपकी बचत हो जाये। सतसंग समारोह में वरिष्ठ समाज सेवी नागेश्वर दुवेदी, रघुनाथ, मनोज दुवेदी, राजू त्रिवेदी, सत्य प्रकाश शुक्ला, अजय शर्मा गिरीश शुक्ला, डॉक्टर कमलू, सर्वेश कुमार, रामखेलावन, उमाशंकर यादव आदि लोग उपस्थित हुए।