लखनऊ : राजधनी लखनऊ के पीजीआई से 79 लाख की ठगी का मामला सामने आया है। मामला पीजीआई के हैवतमऊ मवैया का है। रिटायर्ड सैन्यकर्मी व कारोबारी मनोज शर्मा ने गोमतीनगर थाने में पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया है की, जालसाज ने खुद को बड़े नेता का निजी सलाहकार बताया और खनन के लिए बनाई फर्म में साझीदार बनाने का झांसा दिया था। थाना प्रभारी निरीक्षक दिनेश चंद्र मिश्रा के मुताबिक, मनोज ने बताया कि कुछ दिन पहले उसकी मुलाकात बिजनौर के इंद्र बहादुर सिंह से हुई थी। उसने खुद को बड़े नेता का निजी सलाहकार बताने के साथ ही बताया कि वह अब नेता का निजी सचिव भी बन गया है, इसलिए अगर कोई काम हो तो आराम से हो जाएगा।
यह भी पढ़ें : UP : NIA की बड़ी कार्रवाई, प्रतिबंधित संगठन PFI के कई ठिकानों पर की छापेमारी
मनोज ने बताया नवंबर 2018 में आरोपी ने उसकी मुलाकात तेज बहादुर राय से कराई। जो रामेश्वर माइनस चलाने का दावा करता था। मनोज का आरोप है की, जालसाजों ने उसे बताया की खलीलाबाद में आठ बीघा जमीन है, जिस पर वह आवास विकास से कॉमर्शियल प्रोजेक्ट अलॉट कराने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए काफी ज्यादा रुपए की जरुरत है। आरोप है की, खनन फर्म में पार्टनर बनाने का ऑफर देकर ठगों ने मनोज से 79 लाख रुपये ले लिए। फार्म में पार्टनर बनाने की बात पर आनाकानी करने लगे। छानबीन करने पर पता चला की उसके साथ धोखा हुआ है।
ठगी का पता चलते ही रकम वापस मांगने पर ठगों ने 20-20 लाख के दो चेक दे दिए जो बाउंस हो गए। दबाव बनाने पर इंद्र बहादुर और तेज बहादुर ने शैल कुमार को बुला लिया और उसे जज बताया। शैल कुमार ने पैसे मांगने या पुलिस में शिकायत करने पर मनोज को मामले में फ़साने की धमकी दी। जानकारी के मुताबिक, तेज बहादुर राय को दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने 2017 में लखनऊ से गिरफ्तार किया था। आरोपी ने पार्टनर अश्विनी दीवान को धोखा देते हुए 86 करोड़ रुपये ऐंठे थे। पीड़ित की तहरीर पर गोमतीनगर कोतवाली में तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है।