लखनऊ : सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की अनुपस्थिति में हो रहा पहला लोकसभा उप चुनाव अखिलेश यादव के लिए अग्नि परीक्षा है। ऐसे में वह फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। वहीं बजेपी इस उप चुनाव को एक बड़े मौके के तौर पर देख रही जिसका फायदा उठा कर वह सपा के गढ़ मैनपुरी लोकसभा सीट पर सेंध मारी कर वहां कमल खिलाने की कोशिश कर रही है।

मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव :-

मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव को लेकर अखिलेश यादव ने करीब 2 घंटे तक पार्टी के महासचिव प्रो. राम गोपाल यादव के आवास पर पार्टी के कुछ अहम लोगों के साथ रणनीति तैयार की। इस बैठक में मैनपुरी और इटावा के नेताओं से चर्चा हुई। बैठक में पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव और तेज प्रताप यादव भी मौजूद रहे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, रविवार को हुई बैठक में तेज प्रताप यादव को प्रत्याशी बनाने पर लगभग सभी की सहमति बन गई थी। लेकिन शिवपाल को साथ लाने पर कोई बात नहीं हुई। जिसपर प्रसपा अध्यक्ष ने गोरखपुर में मंगलवार को तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,”अखिलेश यादव चापलूसों से घिरे हैं।”

माना जा रहा था की, मुलायम सिंह के न रहने के बाद अखिलेश व शिवपाल में नजदीकी बढ़ेगी लेकिन चाचा शिवपाल की ओर से हो रही इस तरह की बयान को देख कर दोनों के रिश्तों में केवल दूरियों का ही पता चलता है। बतादें मैनपुरी में करहल, किशनी, भोगांव और सदर विधानसभा सीट आती है। लोकसभा की पांचवीं विधानसभा सीट इटावा की जसवंतनगर से शिवपाल सिंह यादव 6 बार के विधायक हैं।

बीजेपी के लिए ये अहम चुनाव :-

बीजेपी के लिए ये चुनाव इसलिए भी अहम है, क्योंकि सपा के गढ़ यानी मैनपुरी में कभी कमल पर लड़ने वाले प्रत्याशी खाता तक नहीं खोल सके हैं। ऐसे में माना जा रहा है की, लोकसभा में सपा से मुकाबले के लिए भाजपा शाक्य समाज के उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है। मैनपुरी में यादव और शाक्य मतदाताओं की संख्या बराबर है। सीएम आवास पर हुई बैठक में भूपेंद्र चौधरी और धर्मपाल सिंह ने मुख्यमंत्री के साथ मैनपुरी और रामपुर उप चुनाव की तैयारी को लेकर बातचीत की। माना जा रहा है कि फिल्ड सर्वे के अनुसार कोर कमेटी अगले 48 घंटे में प्रत्याशी का ऐलान कर देगी।

बीजेपी की और से मैनपुरी लोक सभा सीट के लिए पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य, विधायक ममतेश शाक्य, राहुल राठौर, तृप्ति शाक्य, प्रेम सिंह शाक्य समेत कई नामों पर चर्चा चल रही है। बीजेपी मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को भी मैनपुरी लोकसभा सीट से उतारने के बारे में सोंच रही है।

होगी YADAV v/s OBC की चुनावी लड़ाई:-

एक ओर भाजपा शाक्य समाज को टिकट देकर शाक्य सहित अन्य जातियों को साधकर मुकाबले को मजबूत बनाना चाहती है। वहीँ दूसरी ओर रामपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने मुस्लिम मतदाताओं को साधने के लिए 12 नवंबर को मुस्लिम लाभार्थी सम्मेलन का आयोजन कर दिया है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बताया कि 13 नवंबर को बरेली में पसमांदा समाज का सम्मेलन आयोजन किया जा रहा है। बीजेपी पार्टी सूत्रों की मानें तो इस बार भाजपा रामपुर विधानसभा सीट पर पसमांदा मुसलमान को अपना उम्मीदवार बना सकती है। दोनों पार्टियों में चल रही सियासी हलचल को देखते हुए लग रहा है की, आने वाले चुनाव में इस सीट पर यादव बनाम ओबीसी प्रत्याशी लड़ने वाले हैं।

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