लखनऊ: विश्व विख्यात शाकाहार ही सर्वोत्तम आहार की अलख जगाने वाले बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी उज्जैन के महात्मा बाबा उमाकांत जी महाराज ने बकहुआ बाजार महबूदा बाद जिला-सीतापुर में अपने एक दिवसीय सतसंग कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह संसार ही दुःखो का सागर है यहाँ पर कोई सुखी नही है इंसान दुनिया की वस्तुओं को इकट्ठा करने में इतना व्यस्त हो गया है कि वह अपने घर अपने मालिक को भूल गया है और यह भी भूल गया है कि एक दिन इस नाशवान संसार से हमे भी जाना है।

आगे उन्होंने यह भी कहा कि यह मानव शरीर प्रभु को पाने अपने निज घर जाने के लिए मिला है इस शरीर के रहते समय के संत सतगुरु से रास्ता लेकर नाम की कमाई करके मुक्ति मोक्ष को पा सकता है।इस मानव शरीर मे यदि प्रभु की प्राप्ति नही हुई तो फिर नार्को और चार खान चौरासी लाख योनियों में जाना पड़ेगा। शाकाहार के बारे मे बताते हुए कहा कि मनुष्य का भोजन मांसाहार नही है लोगो को शाकाहारी सदाचारी नशा मुक्त ,खुदा परस्त रहना चाहिए जिससे तकलीफों से बचत हो सके । महाराज जी ने कहा कि रोज सुबह शाम जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयगुरुदेव जय जयगुरुदेव नाम की नाम ध्वनि बोलने से लोगों के दुःख तकलीफ में आराम मिलने लगता है।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जिला पंचायत अध्यक्ष शिव कुमार गुप्ता,नागेश्वर दुवेदी,ज्ञान तिवारी विधायक स्वेता, आशा मौर्या विधायक महमूदाबाद,अमरेश गुप्ता चेयरमैन महमूदाबाद,आनन्द प्रकाश अवस्थी, कन्हैया लाल गुप्ता, संतोष राय, डॉ महेन्द्र मौर्य,राजेन्द्र प्रसाद वर्मा, असर्फी लाल शर्मा. जगन्नाथ प्रसाद,नंदराम, सत्य प्रकाश शुक्ला, कुलदीप शर्मा,आकाश पटेल, कन्हैया सहित कई हजार लोग सामिल हुए।

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