पुरवा-उन्नाव : बुधवार को अस्पताल से वापस जा रहीं देवरानी जेठानी की मार्ग दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई हादसे में तीन साल की बच्ची व वाहन  चालक को कोई हानि नहीं पहुंची। घटना सांय चार बजे की है। खास यह कि मृतका आशा बहू के पद पर है वह अपनी गर्भवती जेठानी की जांच कराने आई थी लौटते वक्त डंपर की चपेट में आ गयीं।

असोहा थाना क्षेत्र के ग्राम सदासुख खेड़ा मजरे पिपरी निवासिनी आशा बहू सोनी पत्नी रामबिलास 32 वर्ष जो असोहा में तैनात है अपनी जेठानी राजकुमारी पत्नी अनिल कुमार 35 वर्ष जो आठ माह के गर्भ से थी जांच कराने हेतु पुरवा अस्पताल आयी थी राजकुमारी के साथ उसकी 3 साल की बिटिया सोनम भी थी मोटर साइकिल उसका पिता अनिल कुमार चला रहा था। बताया गया है कि अस्पताल से वापस होकर सभी मिर्री चौराहे पर माधुरी नर्सिंग होम गये थे वहीं से सदासुख खेड़ा के लिए चले थे प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो चौराहे से पचास मीटर आगे बढे होंगे कि काल बनकर आये डंम्पर ने टक्कर मार दी वाहन चालक अनिल व उसकी बिटिया एक तरफ उछल कर गिर पड़े और दोनों महिलाएं डंपर के नीचे आ गयीं नतीजा दोनों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।

उल्लेखनीय है कि कस्बे का मिर्री चौराहा व्यसायिक स्थल है यहाँ हर समय भीड़ रहती है अचानक घटित घटना बाद सैकड़ो लोगों का मजमा लग गया आदतन देर से पहुंचने में माहिर कोतवाली भी पहुंच गई और बिना देर किये शवों को पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया।यहां यह बताना जरूरी है कि पुलिस ने मृतकों के परिजनों को खबर देना जरूरी नहीं समझा।

डंपर की चपेट में आयी देवरानी जेठानी की असमय मौत से हाहाकार मच गया।जिसने सुना वह घटनास्थल की ओर दौड़ पड़ा मगर पुलिसिया कार्यवाही से लोगों में जबरदस्त आक्रोश पैदा हो गया। बतातें चलें कि पुलिस ने मृतको के परिजनों के बगैर सूचित किये ही शवो को पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया।

पुलिस की घटिया कार्यवाही से नाराज ग्रामीण कोतवाली के सामने  धरने पर बैठ गये परिजनों का आरोप था कि आखिर ऐसी क्या जल्दबाजी थी दूसरे पुलिस ने मृतकों के परिजनों के साथ अभद्रता भी की उल्लेखनीय है कि धरने पर बैठे ग्रामीणों को सीओ विक्रमाजीत सिंह व भाजपा नेताओं ने समझाया डंपर चालक के विरुद्ध कठोर कार्यवाही का आश्वासन दिया तब धरना समाप्त हुआ।


पुरवा- मौरावां सड़क पर हुई घटना के बाद डंम्पर चालक डंम्पर छोड़ कर फरार हो गया। बताया गया है कि डंपर उन्नाव की तरफ से आ रहा था चैराहे पर भीड़ होने के बाद भी स्पीड में था। डंपरपुलिस कस्टडी में है।

जाको राखे सांइया मारि सके न कोई, कहावत एक बार फिर चरितार्थ हो गई डंम्पर की चपेट में जहां राजकुमारी व सोनी के चीथड़े उड़ गये वहीं 3 साल की सोनम को खरोच तक नहीं आई परिजनों की मानें तो सोनम की दो बहनें मोहनी,महिमा हैं व एक भाई मोहित है जबकि मृतका आशा बहू सोनी के भी दो बच्चे कृष्णा व करन है।सभी छोटे है अचानक माँ का साया छूट जाने से बच्चों व परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।

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