सन्तमत के इतिहास का ऐतिहासिक पल:- सम्पूर्ण विश्व में शाकाहार, सदाचार, नशामुक्ति और आध्यात्मवाद के द्वारा कलयुग में कलयुग जाएगा, कलयुग में सतयुग आएगा का बिगुल बजाने वाले परम पूज्य परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के मंदिर निर्माण का भव्य भूमि पूजन 2 दिसम्बर 2022 को प्रात: 8 बजे के शुभ मुहूर्त में उनके आध्यात्मिक उत्तराधिकारी परम् सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज के कर कमलों द्वारा नेशनल हाइवे नं. 48, निकट कसौला चौक, बावल, जिला- रेवाड़ी (हरियाणा) स्थित बाबा उमाकान्त जी महाराज आश्रम पर किया गया।
साल 1952 से बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने देश के करोड़ों लोगों को शाकाहारी, नशा मुक्त, चरित्रवान, मेहनती, ईमानदार, त्यागी-तपस्वी, सच्चा, धार्मिक, देशभक्त बनाकर भारतीय संस्कृति एवं आध्यात्मिक ज्ञान को देश-विदेश में फैलाया।
संत कबीर दास जी महाराज से आरंभ हुई सन्त वंशावली में बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ही पहले ऐसे संत हुए जिन्होंने अपने 116 वर्ष के जीवन काल में करोड़ों लोगों को जीते जी मनुष्य जीवन में ही प्रभु प्राप्ति का मार्ग “नामदान” दिया, अंतर में स्वर्ग, बैकुंठ, देवी-देवताओं का दर्शन दीदार करवाया, घंटे-घड़ियाल, आकाशवाणी, गैबी आवाज सुनवाई और जीते जी परमधाम पहुंचा दिया साथ ही लोगों के दु:ख, तकलीफ परेशानियों को दूर किया, घरों में सुख-शांति बरकत दिलाई और समय-समय पर देश-दुनियां पर आने वाली भयंकर मुसीबतों से बचने बचाने के लिए आगाह किया और बचत का उपाय बताया।
देश-विदेश के असंख्य भक्त बने इस ऐतिहासिक भूमि पूजन के विहंगम दृश्य के साक्षी:-
हरियाणा के ऐतिहासिक शहर बावल में बन रहे बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के इस भूमि पूजन का दर्शन लाभ लेने के लिए न केवल भारत के कोने-कोने से बल्कि विदेशों से भी असंख्य भक्तों का आगमन हुआ है जो उज्जैन वाले परम् पूज्य बाबा उमाकान्त जी महाराज के सानिध्य में बनने वाले मंदिर के भूमि पूजन के ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने।
बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के मंदिर निर्माण का शिलान्यास 8 दिसम्बर 2022 को दोपहर 12 बजे:-
ऐसे मलीन कलयुग में परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज अनंतों कलाओं के साथ धरती पर हमारे बीच आए। अब उन्हीं की याद में उनके आध्यात्मिक उत्तराधिकारी परम संत बाबा उमाकान्त जी महाराज उनके पद चिन्हों पर चलते हुए वही दया दुआ आशीर्वाद निरंतर देश दुनिया में बांटते हुए अपने नए – पुराने सतसंगियों के सहयोग से उनके मंदिर निर्माण का शिलान्यास 8 दिसम्बर 2022 को दोपहर 12 बजे से करेंगे। भूमि पूजन- दर्शन व शिलान्यास का प्रसाद एवं गुरु महाराज की दया दुआ का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रेमी लोग अपने परिवार सहित सिंगापुर, हांगकांग, यू.एस., यू.ए.ई., नेपाल, मलेशिया व खाड़ी और यूरोप के अन्य देशों से लगातार पंहुच रहे हैं।