लखनऊ: निजधामवासी परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, इस समय के महापुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बावल आश्रम, रेवाड़ी में दिए गए संदेश में बताया कि गुरु भक्ति, गुरु आदेश का पालन करने की पूरी यथाशक्ति कोशिश करो। गुरु ही सुरत को खींच सकते हैं। जब गुरु की एक-एक बात को पकड़ने लग जाओगे तो सब आसान हो जायेगा। गुरु महाराज बाबा जयगुरुदेव ने आत्मनिर्भर बनना सिखाया।

एक प्लास्टिक (मोमजामा), पानी, कुछ खाने का हमेशा अपने साथ रखो। जिसको कछु न चाहिए वोही शहंशाह। गुरु महाराज ने दे रखा है। जो दूसरों के काम आये वोही सुखी, महान होता है। ये सीख सबको लेनी, करना चाहिए। यह सब भाव लोगों को बताने, सबमें जगाने की जरूरत है। परमार्थी बनो। जब आप दुसरे के लिए करोगे तो आपके लिए गुरु करेंगे। गुरु से जुड़े लोगों के लिए जब आप करोगे, उनको सुख पहुंचाओगे तो गुरु आप से खुश होंगे। और गुरु राजी तो करता राजी, काल-कर्म की चले न बाजी। सजा दिलाने वाले आपके कर्म इसी सेवा, गुरु भक्ति से कटेंगे।

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