लखनऊ : राजधानी लखनऊ में बाईक व कार में मामूली टक्कर के बाद पुलिस ने 2 वकीलों की बेरहमी से पिटाई कर हवालात मे डाल दिया। पुलिस की कार्रवाई से नाराज अन्य वकीलों ने थाने का घेराव कर लखनऊ-रायबरेली हाईवे जाम कर दिया। शनिवार की सुबह 10 बजे से शुरू हुआ हंगामा दोपहर 2:30 बजे तक चलता रहा। वकील दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने व इंस्पेक्टर, एसीपी को हटाए जाने की मांग कर रहे थे।

मामला मोहनलालगंज इलाके का है। जानकारी के मुताबिक, अधिवक्ता अश्वनी कुमार सिंह साथी अरुण ओझा के साथ शुक्रवार की रात सिसेण्डी से अपने घर जा रहे थे उसी समय उल्टी दिशा से आ रही बाइक उनकी कार में टकरा गई। इस दौरान चौकी पर तैनात दरोगा राजकुमार व वीके सरोज ने बिना कुछ सुने उनकी पिटाई शुरू कर दी। शनिवार सुबह मोहनलालगंज और लखनऊ के नाराज वकीलों ने मोहनलालगंज कोतवाली के सामने पहुंचकर हाइवे जाम कर ठाणे का घेराव कर दिया।

इस दौरान वकीलों और पुलिस में कई बार झड़प भी हुई। वकीलों ने आरोपी दरोगाओं पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की बात कहकर नारेबाजी शुरू कर दी। इस हंगामे के चलते लगभग दो घंटे तक लखनऊ-रायबरेली राजमार्ग व अन्य सड़कें जाम रहे। एडीसीपी ने दोषी पुलिस कर्मियो के विरूद्व मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन देते हुए मामला शांत करवाया। वकील ने दोषियों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ तहरीर दी है।

इस मामले पर पुलिस ने अपना पक्ष रखते हुए कहा की, देर रात अधिवक्ता अश्वनी कुमार सिंह और अरुण ओझा की कार ने मोहनलालगंज के भसंडा निवासी स्वास्थ्य कर्मी सतीश की बाइक में टक्कर मार दी। इससे कर्मी घायल हो गया। हादसे के बाद लोगों की भीड़ जुट गई और उन्होंने अधिवक्ताओं को घेर कर पीट दिया। मामले की सुचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों वकीलों को लोगों से छुड़ा कर पुलिस कोतवाली लेकर आई। घायल स्वास्थ्य कर्मी की तहरीर पर उनका मेडिकल कराया गया, जिसमें दोनों के नशे में होने की पुष्टि हुई। इसके बाद दोनों पर मुकदमा दर्ज कर कानून के अनुसार कार्रवाई की गई है। अधिवक्ताओं को पीटा नहीं गया।

 

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