लखनऊ : बच्चों से हर कोई प्यार करता है, और हर बार बच्चे की फरमाइश को पूरा करने की कोशिश भी करते है। बच्चे से लाड़ प्यार करने में कोई गलत बात नहीं लेकिन कुछ लोग जरूरत से ज्यादा बच्चे को लाड़ प्यार करते हैं। ऐसा करने पर बच्चे के बिगड़ने की संभावना बढ़ जाती है। अभिभावक और परिवार के सदस्यों के व्यवहार का असर बच्चे के स्वभाव पर पड़ता है। बच्चा अधिक लाड प्यार में बिगड़ने लगता है और जिद्दी या गुस्सैल बनने लगता है। ज़िद करना बच्चों का स्वभाव होता है, लेकिन जब बच्चा हद से ज्यादा जिद करने लगे तो अभिभावकों को सतर्क हो जाना चाहिए। बच्चे की जिद उम्र के साथ बढ़ने पर भविष्य में उसे समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए अगर आपका बच्चा बहुत अधिक जिद करे तो उसके इस बर्ताव को सुधारने के लिए कुछ टिप्स अपना सकते हैं।

प्रतिक्रिया न दें:- बच्चा अच्छा बर्ताव करें तो उसकी तारीफ करिए लेकिन जब वह जिद करे या कोई गलत बात करें तो प्रतिक्रिया न दें। चिल्लाने या डांटने से ज्यादा आपकी चुप्पी उनके लिए सजा का काम कर सकती है। जब उनका गुस्सा कम हो जाए तो शांत तरीके से समझाएं कि क्या गलत है और क्या सही।

बहस न करें:- जिद्दी बच्चों की इच्छाशक्ति बहुत मजबूत होती है। अभिभावक अगर उनकी जिद और बहस का जवाब उसी तरह से देंगे तो बच्चा ज्यादा जिद करेगा। इसलिए जिद्दी बच्चे के सामने खुद जिद न करें, बल्कि उनकी बात धैर्य से सुनें। बीच में उन्हें टोंके नहीं। आपका धैर्य उनके गुस्से और जिद को कुछ नरम कर सकता है।

विकल्प दें:- बच्चे को विकल्प दें। कम उम्र का बच्चा कुछ करने के लिए कहे जाने पर कई सारे सवाल करता है। वहीं अक्सर बच्चे वो काम करते हैं तो उन्हें करने के लिए मना किया जाता है। इसलिए बच्चों को विकल्प दें। जैसे- अगर वह किसी चीज की जिद करे तो उसके सामने उस चीज के एवज में कोई अन्य विकल्प रखें। ताकि वह अपनी जिद भूल जाए। इस तरह से बच्चा जिद नहीं करेगा।

नियम बनाएं:- बच्चे से कितना ही प्यार करते हों लेकिन उनके लिए आपको कुछ नियम जरूर बनाने चाहिए है। उन्हें समझाएं कि नियम तोड़ने पर उनके लिए ही नुकसान होगा। नियम तय होने पर बच्चा अनुशासन में रहेगा और जिद करना कुछ हद तक कम कर देगा।

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