लखनऊ: निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, इस समय के युगपुरुष, त्रिकालदर्शी, दयालु, दुःखहर्ता, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित सन्देश में बताया कि कलयुग में लोग अपने धर्म-कर्म को भूल गए। गोस्वामी जी के कहा उस मालिक के बनाए जीवों पर दया करो, सबके अंदर जीवात्मा है।
जब आप बना नहीं सकते तो मारने काटने का अधिकार किसने दिया? सजा मिलेगी। मांस मुर्दा खाकर पेट को कब्रिस्तान बनाकर अपवित्र शरीर से पूजा-पाठ करते हो इसलिए प्रभु आपसे खुश नहीं हो रहा और तकलीफ पा रहे हो। जब तक अंतरात्मा साफ नहीं होगी तब तक पूजा-पाठ कबूल नहीं हो सकता। अगर आप न खाओ, न खरीदो तो जानवर काटे नहीं जायेंगे। सबको पाप लगता है, मारने, काटने, बेचने, खरीदने, लाने, खाने वाले सबको। आज से ही संकल्प बना लो शाकाहारी बनो और बनाओ। जो गल काटे और का, अपना रहा कटाय, साहब के दरबार में, बदला कहीं ना जाय। आज नहीं तो कल बदला देना पड़ेगा। तो दया करो, दया सबसे बड़ा धर्म है।