लखनऊ:  इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सतगुरु, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने संदेश में बताया कि साधना के लिए प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त का समय अच्छा रहता है। भटके हुए को रास्ता बताना बहुत बड़ा परोपकार माना जाता है। इंसान ही इसको कर सकता है, पशु नहीं। लोग भटक रहे हैं। इंसान इस वक्त पर बारूद के ढेर पर खड़ा हुआ है। जो समझदार है, अखबार में पढ़ते, टीवी में देखते होगे की तुर्की का क्या हाल है। इतना बड़ा भूकंप आया। कहीं धरती हिल रही है, कहीं ओले पत्थर गिर रहे हैं, कहीं बीमारियों में इतने लोग जा रहे हैं। इनको बताने, समझाने की जरूरत है कि भाई प्रकृति के नियम के खिलाफ काम मत करो, जीवो पर दया करो, उनको मत मारो काटो, प्रकृति से छेड़छाड़ मत करो।

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