धर्म-कर्म : निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, सन्त सतगुरु, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने गुड़ी पड़वा पर दिए संदेश में बताया कि जब से सृष्टि बनी तब से बहुत समय हो गया, कई युग बीत गए, कितने ही सतयुग त्रेता द्वापर कलयुग आए और चले गए। बहुतों को मालूम नहीं है, यह चक्र चलता रहा है। इसमें ऊपर से भेजी गयी शक्तियों के अलग-अलग नाम लोगों ने रख दिए। कहते हैं नौ दिन में नवदुर्गा। नव दुर्गा की पूजा लोग करते तो हैं लेकिन सही जानकारी न होने की वजह से सही तरीके से नहीं कर पाते। सही वेद मंत्र, सही तरीका मालूम हो तब तो 33 करोड़ देवी-देवताओं को बुलाया, खुश किया जाय तब तो यह फलदाई होते हैं, नहीं तो इनका कोई खास लाभ नहीं मिलता है। बीमारियों तकलीफ टेंशन को दूर करने, बिगड़े काम बनाने के लिए, बहुत लोग नवरात्र को अपने-अपने तौर तरीके से, बहुत जोर-शोर से मनाते मिलेंगे लेकिन इतना सब कुछ होते करते हुए भी लोगों को सुख शांति लाभ नहीं मिलेगा।

गुड़ी पड़वा के दिन क्या संकल्प बनाना है:-

बाबा जी ने बताया की, मुक्ति मोक्ष चाहते हो, अपने घर अपने वतन अपने मालिक के पास पहुंचना चाहते हो तो आप लोग जीव ह्त्या मत करना, किसी को मार करके या मरे हुए को खरीदकर के उनका मांस मत खाना। महाराज जी ने कहा की, संकल्प बनाओ कि भूल कर भी ऐसी गलती नहीं करेंगें। हम अच्छे काम के लिए संकल्प बना लें तो हमारा साल अच्छा बीतेगा। बाबा जी कहतें हैं अगर मांसाहार का सेवन करोगे तो कितना भी पूजा-पाठ अनुष्ठान कर लो, कहीं भी चले जाओगे, आपकी मुक्ति नहीं होगी। इसलिए जीव हत्या मत करो इससे देवता खुश नहीं हो सकते। देवताओं को खुश करना है तो ध्यान-भजन, सतसंग करो धर्म के मार्ग पर चलो और मनुष्य को शाकाहार की तरफ प्रेरित करो। तभी सबका कल्याण होगा और सभी लोग इस काल के लोक से मुक्त होकर अपने घर जा पाएंगे।

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