लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छह साल पहले सूबे की कमान संभालते ही सबसे पहले प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने और बेलगाम अपराधियों पर नकेल कसने के लिए जीरो टॉलरेंस नीति को अपनाते हुए यूपी पुलिस को कार्रवाई करने के निर्देश दिये। जिसके बाद यूपी पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ विभिन्न रणनीतियों को अपनाते हुए उनकी कमर तोड़ दी और उन्हे प्रदेश छोड़ने पर मजबूर कर दिया। वहीं योगी सरकार 2.0 में इस अभियान को और तेज कर दिया गया। इसी का नतीजा है कि आज देश ही नहीं विदेशों में भी प्रदेश की मजबूत कानून व्यवस्था की सराहना हो रही है। इसकी बानगी अभी हाल में ही जीआईएस-23 में देखी गई, जहां पर 34.09 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्रदेश को प्राप्त हुए। साथ ही विदेशी निवेशकों ने प्रदेश को नए भारत का ग्रोथ इंजन बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाने का वादा किया। इस सब में प्रदेश की सुदृढ़ कानून व्यवस्था का सबसे अहम रोल है।

175 दुर्दांत अपराधियों को किया ढेर तो थम गईं अपराध की घटनाएं
यूपी पुलिस ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत एनकाउंटर में वर्ष 2017 से अब तक 175 दुर्दांत अपराधियों को ढेर किया है, जबकि 4808 अपराधी घायल हुए। यूपी पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाते हुए वर्ष 2017 से अब तक 10,531 एनकाउंटर किए, जिसमें 22,597 अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। पुलिस की इस कार्रवाई में 1,398 बहादुर पुलिसकर्मी घायल हुए, जबकि 13 पुलिसकर्मी अपने कर्तव्य का पालन करते हुए शहीद हो गये। यूपी पुलिस ने प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने को संकल्प को साकार करने के लिए अपराधियों की अवैध संपत्ति जब्त करने के साथ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। यूपी पुलिस ने गैंगस्टर अधिनियम के तहत 90 अरब 22 करोड़ 33 लाख की चल और अचल संपत्तियों को जब्त कर उनकी कमर तोड़ दी। इसके साथ ही माफिया और अपराधियों द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई 2,819 करोड़ से अधिक की संपत्ति को जब्त किया गया। इतना ही नहीं 63,055 अपराधियों के खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम व 836 अपराधियों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की गई।

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